भागलपुर: 200 करोड़ की लागत से बनने वाली बाइपास के दूसरे चरण का टेंडर की तिथि बढ़ा दी गयी है. अब आठ जून को नहीं, बल्कि इस तिथि के बाद योजना का फाइनेंसिल बिड खोला जायेगा. पहले आठ जून तिथि निर्धारित थी. फाइनेंसियल बिड खुलने पर जिस किसी एजेंसी का सबसे कम बिड रेट होगा, उन्हें ही बाइपास बनाने का काम सौंपा जायेगा.
निर्माण कार्य सौंपने से पहले विभाग को मंत्रलय से स्वीकृति लेनी पड़ेगी. यानी, जब भूतल परिवहन मंत्री अंतिम मुहर लगायेंगे, तो ही एजेंसी वर्क अवार्ड किया जायेगा. इधर, बाइपास का टेंडर तीन एजेंसी चड्डा एंड चड्डा, जीआर इंफ्रा और अशोका इंफ्राच्स्ट्रर ने डाला है. तीनों एजेंसी का तकनीकी मूल्याकंन किया जायेगा. इसमें जो भी एजेंसी चयनित होगी, उनके नाम का ही फाइनेंसियल बिड खोला जायेगा. अगर तकनीकी मूल्याकंन में दो एजेंसी बाहर हो जाती है, तो शेष एक एजेंसी का फाइनेंसियल बिड जितना भी होगा, उतने पर बाइपास निर्माण की मंजूरी दे दी जायेगी. अगर तीनों एजेंसी तकनीकी मूल्याकंन में चयनित हो जाती है, तो सबसे कम बिड रेट देखा जायेगा और जिसका बिड रेट कम होगा, उनके नाम फाइनेंसियल बिड खुलेगा.
जयपुर की जीआर इंफ्रा ने दोबारा डाला है टेंडर
जीआर इंफ्रा कंपनी ने दोबारा बाइपास निर्माण की योजना के लिए टेंडर डाला है. इससे पहले पिछले साल टेंडर डाला था और हैदराबाद की अवंतिका कंपनी का प्रतिद्वंदी थी. अवंतिका कंपनी के नाम टेंडर होने पर जीआर इंफ्रा ने फाइनेंसियल बिड खोलने में विभाग पर अनियमितता का आरोप लगा कर कोर्ट की शरण में चले गये थे. लंबे समय के बाद कोर्ट का निर्णय आया. उसके बाद फिर से टेंडर निकाला गया था.
तीन एजेंसी ने बाइपास का टेंडर डाला है. तकनीकी मूल्याकंन किया जायेगा. चयनित एजेंसी का फाइनेंसियल बिड खोला जायेगा. जिस एजेंसी का सबसे कब बिड रेट होगा, उसके नाम फाइनेंसियल बिड खुलेगा. इसके बाद मंत्रलय भेजा जायेगा. स्वीकृति मिलने पर उन्हें वर्क अवार्ड कर दिया जायेगा.
केदार बैठा, चीफ इंजीनियर, राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग, पटना