भागलपुर: शहर की व्यस्ततम ट्रैफिक और ऊबड़-खाबड़ सड़कों के बीच सफलतापूर्वक मोटरसाइकिल चला कर अपने गंतव्य तक पहुंचना आसान नहीं है.
कब, किस मोड़ पर किस गाड़ी से मोटरसाइकिल भिड़ जाये, इसका अनुमान लगाना कठिन है. युवाओं के लिए यह ज्यादा ही चिंता का विषय है, क्योंकि वे बगैर हेलमेट के बाइक चलाना शान समझते हैं. इसमें लड़कियां तो लड़कों से एक कदम आगे हैं.
वे हेयर स्टाइल खराब होने के भय से हेलमेट लगाना पसंद नहीं करतीं. बाइक सवार एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हैं, तो कार सवार सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक लगाने के आदेश के बावजूद शहर की सड़कों पर काला शीशा वाले वाहन, जुगाड़ गाड़ियां धड़ल्ले से चलती हैं. इस पर रोक लगाने के लिए कोई विभागीय प्रयास नहीं किया जाता. यातायात पुलिस एक-दो दिन अभियान चलाती है, फिर वही ढाक के तीन पात.