सोनवर्षा राज. रखौता गांव में एक पिता द्वारा पुत्र की हत्या के बाद लोग हतप्रभ हैं. वहीं यह घटना स्पष्ट रूप से यह दर्शाने के लिए काफी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी संयुक्त परिवार की संरचना टूट रही है. सोचा जा सकता है कि किस तरह एक पिता व पुत्र में इतनी कटुता पैदा हो गयी कि पिता ने अपने बड़े बेटे की हत्या अपने हाथों से कर डाली. यह घटना जहां सामाजिक रूप से शर्मनाक है, वहीं ग्राम कचहरी जैसी संस्थाओं के लिए भी प्रश्न चिह्न है. एकमात्र रास्ते का छोटा सा विवाद ग्राम कचहरी व सामाजिक स्तर पर क्यों नहीं हल हो पाया. तभी तो मृतक मुन्ना कुमार की पत्नी बबीता देवी अपने पति के शव से लिपट कर विलाप करती हुई बार-बार कहती है कि समाज के सामने उसका सुहाग ससुर ने उजाड़ दिया और समाज मूकदर्शक बन तमाशा देखता रहा. एक परिवार के बीच पांच वर्षों से चल रहे विवाद को हल करने के लिए सामाजिक एवं ग्राम कचहरी द्वारा क्यों पहल नहीं की गयी. यह कलंक सिर्फ उस पिताओं के लिए नहीं है जिसने पुत्र के लिए कड़ी मेहनत कर घर का निर्माण किया और उसी घर के लिए पुत्र की हत्या कर डाली. यह कलंक समूचे रखौता ग्रामवासियों के माथे पर भी लगा, जिसके समक्ष पिता-पुत्र का विवाद वर्षों से चलता रहा और लोग तमाशा देखते रहे. मृतक की पत्नी बबीता देवी को अपने तीन छोटे-छोटे पुत्रों के लिए तो जीवित रहना ही होगा, जिसके पांव अभी धरती पर भी ठीक से नहीं टिकते हैं. फोटो – परिजन 4 – विलाप करती मृतक की पत्नी
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ग्रामीण क्षेत्र में संयुक्त परिवार की संरचना टूट रही
सोनवर्षा राज. रखौता गांव में एक पिता द्वारा पुत्र की हत्या के बाद लोग हतप्रभ हैं. वहीं यह घटना स्पष्ट रूप से यह दर्शाने के लिए काफी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी संयुक्त परिवार की संरचना टूट रही है. सोचा जा सकता है कि किस तरह एक पिता व पुत्र में इतनी कटुता पैदा […]
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