शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चे स्कूल जाकर लौट आ रहे हैं. जिले भर के लगभग छह हजार नियोजित शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं. इससे प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा तक की स्थिति बदहाल हो गयी है. इसका असर विद्यालय के पठन – पाठन से लेकर मैट्रिक कॉपी मूल्यांकन पर पड़ रहा है. विद्यालयों में अबतक नये सत्र की पढ़ाई शुरू नहीं हो पायी है.
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500 स्कूल बंद, 75 हजार बच्चे प्रभावित
भागलपुर: सरकार और नियोजित शिक्षकों की लड़ाई में जिले की शिक्षा चौपट हो गयी है. शिक्षकों की हड़ताल से छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. जिले के 500 प्रारंभिक विद्यालय बंद हैं. इस कारण लगभग 75 हजार बच्चे मध्याह्न् भोजन से वंचित हो गये हैं. अगर दो -चार स्कूल खुले हैं, तो वहां […]
भागलपुर: सरकार और नियोजित शिक्षकों की लड़ाई में जिले की शिक्षा चौपट हो गयी है. शिक्षकों की हड़ताल से छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. जिले के 500 प्रारंभिक विद्यालय बंद हैं. इस कारण लगभग 75 हजार बच्चे मध्याह्न् भोजन से वंचित हो गये हैं. अगर दो -चार स्कूल खुले हैं, तो वहां कर्मचारी बैठे मिलते हैं.
मैट्रिक कॉपी मूल्यांकन कार्य बाधित करने से सरकार को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि छात्रों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. बच्चों के रिजल्ट पर इसका असर पड़ेगा. लिहाजा छात्र दूसरे राज्यों में अच्छे संस्थानों में पढ़ने से वंचित हो जायेंगे. सरकार व शिक्षकों को बीच का रास्ता निकाल कर छात्र हित के लिए सोचने की आवश्यकता है.
सुषमा गुप्ता
प्राचार्या मोक्षदा बालिका उच्च विद्यालय
बिहार शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े. इसके लिए शिक्षकों को सोचने की जरूरत है. विद्यालयों में तालाबंदी व मूल्यांकन कार्य ठप करने से छात्रों को भला नहीं हो रहा है. बल्कि छात्र दूसरे राज्यों से पीछे जा रहे हैं. सरकार व शिक्षकों को चाहिए की राज्य के भविष्य यानी छात्र के लिए सोचे. दोनों ओर से सकारात्मक पहल होने पर मामला का हल निकल आयेगा.
डॉ अजय कुमार सिंह
प्राचार्य टीएनबी कॉलेजिएट स्कूल
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