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भूकंप से सुरक्षित नहीं है शहर

भागलपुर: भूकंप के झटकों से शहर तबाह हो सकता है. शहर में धड़ल्ले से बन रही बहुमंजिला इमारतों में भूकंप रोधी मानकों की अनदेखी की जा रही है. पुराने बने मकान तो इस पैमाने पर बिल्कुल भी खरे नहीं उतरते. शनिवार को आयी भूकंप से शहर के कई मकानों में दरारें भी आ गयी. यदि […]

भागलपुर: भूकंप के झटकों से शहर तबाह हो सकता है. शहर में धड़ल्ले से बन रही बहुमंजिला इमारतों में भूकंप रोधी मानकों की अनदेखी की जा रही है. पुराने बने मकान तो इस पैमाने पर बिल्कुल भी खरे नहीं उतरते. शनिवार को आयी भूकंप से शहर के कई मकानों में दरारें भी आ गयी. यदि इसकी तीव्रता थोड़ी और ज्यादा होती तो सैकड़ों मकान ध्वस्त हो सकते थे और जान-माल की भारी क्षति हो जाती. नगर निगम भी इस बात को स्वीकारता है.
भूकंप रोधी मानक का पालन नही. भागलपुर भूकंप के जोन-4 में आता है और इस जोन में अकसर भूकंप के तेज झटके महसूस किये जाते रहे हैं. बावजूद इसके शहर में अधिकांश मकानों में भूकंप रोधी मानक का पालन नहीं किया जाता है. नगर निगम के अनुसार यहां बनने वाले मकानों का नक्शा पास करने के दौरान इस पैमाना को सख्ती से देखा जाता है और बगैर भूकंप रोधी मानक पर खरा उतरे, किसी भी नक्शा को पास नहीं किया जाता है. लेकिन नक्शा पास होने के बाद लोग अपने तरीके से मकान का निर्माण करवा लेते हैं. निगम के टैक्स दारोगा शंकराचार्य उपाध्याय ने बताया कि नक्शा पास होने के बाद मकान नक्शा के अनुरूप बन रहा है कि इसकी जांच निगम के अभियंता करते हैं. हालांकि निगम के जानकार कहते हैं कि यदि शहर के मकानों की जांच करायी जाये तो भूकंप रोधी पैमाने पर शायद ही कोई मकान खरा उतरे.
आयु खत्म कर चुके हैं करीब 20 हजार मकान . शहर में फिलहाल करीब 72 हजार मकान हैं. इनमें से लगभग 20 हजार मकान अपनी आयु पूरी कर चुके हैं. टैक्स दारोगा श्री उपाध्याय ने बताया कि नियमत: पुराने हो चुके मकानों का सर्वे करवा कर उसे ध्वस्त करवाना निगम की जिम्मेदारी है. इस तरह के जजर्र व टूटने की कगार पर पहुंच चुके मकान भूकंप जैसी आपदा के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इस संबंध में नगर निगम को भी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और लोगों को भी अपनी जान-माल की सुरक्षा की दृष्टि से इस ओर जागरूक होना चाहिए.
भूकंप रोधी पैमाना . मकान का नींव डालते समय ही भूकंप रोधी पैमाना का ख्याल रखा जाना चाहिए. सिविल इंजीनियर भारत भूषण ने बताया कि नींव में छड़ व कंक्रीट से प्लिंथ ढलायी व मजबूत छड़ के साथ सभी कोनों पर कंक्रीट पिलर आवश्यक है. साथ ही दरवाजे व खिड़की के ऊपर लिंटल बैंड व फिर छत के पास छत बैंड आवश्यक रूप से दिया जाना चाहिए. सामान्यत: कंक्रीट पिलर का इस्तेमाल तो हर कोई करता है. लेकिन प्लिंथ ढलायी व छत बैंड के इस्तेमाल से लोग बचते हैं, इस कारण भूकंप के झटके से मकान में दरारें आ सकती है. और वह टूट भी सकता है.

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