भागलपुर: एमवीआइ मामले में मेयर दीपक भुवानियां पर कोर्ट की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट आखिरकार पुलिस को मिल गयी है. कोतवाली थाने में नगर निगम मेयर दीपक भुवानियां के एलपीसी 6/87 के फरारी मामले में जारी स्थायी वारंट का पत्र नहीं मिल पाया था. इसी मामले में मेयर ने पीएस-/87 में अन्य व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी […]
भागलपुर: एमवीआइ मामले में मेयर दीपक भुवानियां पर कोर्ट की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट आखिरकार पुलिस को मिल गयी है. कोतवाली थाने में नगर निगम मेयर दीपक भुवानियां के एलपीसी 6/87 के फरारी मामले में जारी स्थायी वारंट का पत्र नहीं मिल पाया था. इसी मामले में मेयर ने पीएस-/87 में अन्य व्यक्ति के खिलाफ वारंट जारी होने का दावा किया था. एक ही केस नंबर के दो मामले होने पर कोतवाली पुलिस ने व्यवहार न्यायालय के रजिस्ट्रार से उक्त केस नंबर के ऑर्डर सीट की सत्यापित प्रति का आवेदन दिया था.
दो अप्रैल को पुलिस के आवेदन पर कोर्ट ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इसमें एसडीजेएम के रिकार्ड रूम में मूल अभिलेख नहीं होने से इसकी सत्यापित प्रति मुहैया नहीं कराने जाने की बात कही गयी है. वहीं केस में मेयर दीपक भुवानियां फरार होने का उल्लेख किया है.
रजिस्ट्रार की रिपोर्ट के बाद पुलिस के आला अधिकारी आगामी प्रक्रिया पर मंत्रणा करने की बात कह रहे हैं. बता दें कि एसडीएम कोर्ट ने एलपीसी वाद संख्या-6/87 में 7 दिसंबर 1993 को आदेश जारी किया था कि दीपक कुमार भुवांनियां मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर एक्ट के तहत आरोपी हैं. इसके आधार पर उन्हें एक माह की कारावास की सजा सुनायी गयी थी.
रजिस्ट्रार ने दिया केस में स्पष्ट जवाब . कोतवाली पुलिस निरीक्षक के आवेदन पर रजिस्ट्रार ने एपीओ को अपना जवाब दे दिया. इसमें एसडीजेएम कोर्ट के रिकार्ड रूम ने रिपोर्ट दी कि सुजागंज निवासी दीपक भुवानियां पिता सीताराम भुवानियां का वाद वर्ष 2009 के विचारण पंजी में 17 जुलाई 2009 को ही फरार घोषित करते हुए निष्पादित किया गया है. जहां तक इसके सत्यापित प्रति की बात है, तो एसडीजेएम कार्यालय में अभिलेख कार्यालय में नहीं है.