भागलपुर: आजमीन हज पर जाने वाले लोगों के लिए बिहार हज कमेटी की ओर से शनिवार को शाह मार्केट स्थित खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीं सैयद शाह हसन मानी के आवास पर हज प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. कार्यक्रम सुबह 10 से शाम चार बजे तक चला. हज प्रशिक्षण कैंप में हज के मुबारक अरकान को ठीक ढंग से अदा करने के लिए आजमीन हज को बताया गया. मौलाना अताउर रहमान मुफ्ताई ने एहराम पहनने, एहराम पहनने के बाद कौन काम करना है आदि के बारे में बताया.
काबा शरीफ में जिस गेट से आप अंदर जायेंगे, उस गेट का नंबर याद रखें. काबा शरीफ में प्रवेश करने पर पहले दरूद पढ़ें और दुआ करें कि अल्लाह मेरी गुनाह माफ करे और रहमत का दरवाजा खोल दे. काबा शरीफ को देखने के साथ आप तुरंत तकबीर व तहरीर पढ़ कर दुआ मांगे. उन्होंने कहा कि एहराम के बगैर उमरा व हज नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि तवाफ के दौरान दुआ मांगते रहे. खानकाह-ए-पीर दमड़िया के सज्जादानशीं सैयद शाह हसन मानी ने बताया कि एहराम जहाज पर ही पहन लें. तवाफ के दौरान अपनी ओर से किसी को भी तकलीफ नहीं पहुंचाये. हज के लिए मदीना शरीफ पहुंचने पर जोहर से फर्ज तक की नमाज जमात से अदा करे. मोजलफा पहुंच कर इशा के वक्त पहले मगरिब की नमाज अदा करें. शैतान को मारने के लिए कंकड़ी चुन लें. फर्ज नमाज अदा करने के बाद थोड़ी देर मोजलफा में खड़े होकर दुआ करें.
उसके बाद मीना के लिए रवाना हो जायें. दस जिल हिज को मीना पहुंच कर एक शैतान को सात कंकड़ी मारें. उसके बाद कुर्बानी करें. कुर्बानी करने के बाद सर मुंडवा लें. सर मुंडवाने पर एहराम से बाहर निकल आयेंगे. फिर स्नान करने के बाद पायजामा-कुरता पहन सकते हैं. मीना में रह कर अल्लाह की खूब इबादत करें. पांच वक्त की नमाज अदा करें. प्रशिक्षण में मौलाना सादिक उल्लाह, खानकाह -ए-पीर दमड़िया के साहिबे सज्जादा शाह फखरे आलम उर्फ हसन, हाजी मो कासिम, हाजी मो मुश्तकिम ने भी हज से जुड़े अरकान के बारे में विस्तार से बताया. प्रशिक्षण शिविर में भागलपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा बांका से भी हज पर जा रहे लोगों पहुंचे थे. ज्ञात हो कि भागलपुर से 204 और बांका से 74 लोग इस बार हज पर जा रहे है.