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भागलपुर में हाइकोर्ट बेंच के गठन से तीन करोड़ की आबादी को होगा फायदा

– उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष मंच ने चीफ जस्टिस को सौंपा ज्ञापन वरीय संवाददाता, भागलपुर उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष मंच ने सोमवार को कहलगांव में पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को भागलपुर में हाइकोर्ट बेंच के गठन को लेकर ज्ञापन सौंपा. इसमें बेंच गठन से करीब तीन करोड़ की आबादी को फायदा होने […]

– उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष मंच ने चीफ जस्टिस को सौंपा ज्ञापन वरीय संवाददाता, भागलपुर उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष मंच ने सोमवार को कहलगांव में पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को भागलपुर में हाइकोर्ट बेंच के गठन को लेकर ज्ञापन सौंपा. इसमें बेंच गठन से करीब तीन करोड़ की आबादी को फायदा होने की बात बतायी गयी. मंच के केंद्रीय अध्यक्ष संजय कुमार मोदी ने न्यायिक प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण को आज की जरूरत करार दिया. संजय कुमार मोदी ने बताया कि बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां हाइकोर्ट बेंच नहीं है. जबकि अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों में दो-दो हाइकोर्ट के बेंच हैं. इसी तरह अरुणाचल प्रदेश, असम, नगालैंड, मिजोरम में भी हाइकोर्ट बेंच या कैंप कोर्ट स्थापित हैं. ऐसे में बिहार के भागलपुर में हाइकोर्ट बेंच की मांग जायज है. उन्होंने कहा कि पटना हाइकोर्ट में एक लाख क्रिमिनल केस लंबित हैं. वहीं विभिन्न न्यायालयों में 15 लाख क्रिमिनल केस का मामला चल रहा है. वही इन न्यायालयों में तीन लाख दीवानी मुकदमे, 20 हजार बाल अपराध तथा एक हजार दुष्कर्म के मामले लंबित हैं. इन लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए न्यायिक प्रणाली का विकेंद्रीकरण जरूरी है, जो न्याय को झोपड़ी तक लाने में सहायक साबित होगा. उन्होंने कहा कि भागलपुर में हाइकोर्ट बेंच की लड़ाई लगातार चलती रहेगी. इसके लिए मंच की बैठक में आगामी रणनीति तय की जायेगी.

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