– नदी किनारे शंकरपुर से सबौर तक गड़ने लगा है चापाकल प्रतिनिधि, सबौर प्रखंड के गांवों में पेयजल संकट दूर करने को लेकर पीएचइडी विभाग सक्रिय हो गया है. शंकरपुर से सबौर तक नदी किनारे आर्सेनिक प्रभावित गांवों में 10 चापाकल गड़ना शुरू हो गया है. साथ ही जिन 14 पंचायतों में पुराने चापाकल खराब हैं, वहां चार-चार चापकल जल्द लगेंगे. विभाग की मानें तो बहादुरपुर गांव में जल्द ही 50 हजार गैलन क्षमता वाली पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा. फतेहपुर का बंद बोरिंग एस्टिमेट बना कर विभाग को भेजा गया है, उसे भी चालू किया जायेगा. लैलख में जल्द मिनी जलापूर्ति ट्यूबवेल का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा. इस योजना से यहां के लोगों को छह माह तक सीधी जलापूर्ति हो सकेगी. कहां कहां है पानी टंकीसबौर में तीन जगह सबौर, खानकित्ता और फतेहपुर में 50 हजार गैलन की क्षमता वाला तीन पानी टंकी है . सबौर , खानकित्ता में बोरिंग चालू है, लेकिन फतेहपुर में बोरिंग तकनीकी खराबी के कारण कई वर्षों से बंद है. नदी किनारे के गांवों में 10 चापाकल लगाया जा रहा है. फतेहपुर में बोरिंग का एस्टिमेट विभाग को भेजा गया है. बहादुरपुर में जल्द ही नया बोरिंग लगेगा. लैलख में मिनी जलापूर्ति प्लांट से छह माह में सीधी जलापूर्ति शुरू हो जोयगी. इसका पाइप आ गया है, जल्द काम शुरू हो जायेगा. वीरेंद्र सिंह, अभियंता, पीएचइडी
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पेयजल संकट पर प्रशासन हुआ सक्रिय
– नदी किनारे शंकरपुर से सबौर तक गड़ने लगा है चापाकल प्रतिनिधि, सबौर प्रखंड के गांवों में पेयजल संकट दूर करने को लेकर पीएचइडी विभाग सक्रिय हो गया है. शंकरपुर से सबौर तक नदी किनारे आर्सेनिक प्रभावित गांवों में 10 चापाकल गड़ना शुरू हो गया है. साथ ही जिन 14 पंचायतों में पुराने चापाकल खराब […]
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