इसके कारण रिजल्ट प्रभावित हो गया. अगस्त 2014 से ही छात्र विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को अपनी कॉपियां दिखा रहे हैं. आवेदन सौंप कर रिजल्ट मांग रहे हैं, लेकिन उनकी सुननेवाला कोई नहीं हैं. शुक्रवार को छात्र कर्ण विश्वविद्यालय गये थे. पता चला कि कुलपति व प्रतिकुलपति नहीं हैं. इसके बाद वे कुलपति के आवास पर पहुंच गये, लेकिन वहां छात्र संगठनों ने कुलपति को बंधक बना लिया था. इस कारण एक बार फिर उन्हें निराश लौटना पड़ा.छात्र आशुतोष कुमार कर्ण (क्रमांक-12006016, पंजीयन संख्या-7624) कॉपियां प्राप्त करने के बाद इस दुविधा में फंस गये थे कि जब कॉपी के ऊपर प्राप्त अंक का उल्लेख ही नहीं है, तो रीटोटलिंग के लिए आवेदन कैसे करें. इसके लिए वे कुलपति, प्रतिकुलपति व परीक्षा नियंत्रक से लेकर परीक्षा विभाग के कई बाबुओं के टेबल के चक्कर काटे. कर्ण ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी ने कहा था कि उनकी शिकायत परीक्षा बोर्ड की बैठक में रखी जायेगी. बोर्ड जो निर्णय लेगा, आगे उसी के अनुरूप निराकरण किया जायेगा. 20 नवंबर 2014 को परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई.
बैठक में वैसे छात्र-छात्रओं के मामले रखे गये थे, जो आरटीआइ से उत्तरपुस्तिका मंगवा कर रिजल्ट में गड़बड़ी होने का कारण तलाशा था. विश्वविद्यालय को फिर आवेदन सौंप कर रिजल्ट दुरुस्त करने का अनुरोध किया था. इस मामले में परीक्षक के द्वारा भूल होने की बात सामने आयी थी. बोर्ड ने निर्देश दिया था कि संबंधित आवेदनों को संबंधित विषय के एक्सपर्ट से दिखा कर रिजल्ट निष्पादित किया जाये. इस पर उन्हें आस जगी कि अब उन्हें उचित अंक मिल जायेगा, लेकिन आज भी छात्र इसके लिए दौड़ रहे हैं.