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सबौर जलसंकट पर विधायक ने कहा एक हफ्ते में दो वर्ष का काम
सबौर : दो साल से नाथनगर विधायक अजय मंडल की अनुशंसा की आस में पीएचडी विभाग में चापाकल जंग खा रहे हैं. हालांकि विधायक का दावा है कि अब एक सप्ताह में चापाकल गांवों में गड़ने लगेगा. प्रभात खबर में शुक्रवार को सबौर में पेयजल संकट पर खबर छपी थी. इसके बाद विधायक ने सक्रियता […]
सबौर : दो साल से नाथनगर विधायक अजय मंडल की अनुशंसा की आस में पीएचडी विभाग में चापाकल जंग खा रहे हैं. हालांकि विधायक का दावा है कि अब एक सप्ताह में चापाकल गांवों में गड़ने लगेगा. प्रभात खबर में शुक्रवार को सबौर में पेयजल संकट पर खबर छपी थी. इसके बाद विधायक ने सक्रियता दिखायी.
उन्होंने कहा कि पेयजल संकट का समाधान किया जायेगा. पीएचइडी विभाग के अभियंता विरेंद्र सिंह ने गुरुवार को बताया था कि वर्ष 2013-14 व वर्ष 2014-15 में प्रखंड के 14 पंचायतों में एक भी नया चापाकल नहीं लग पाया है. विधायक ने अभी तक इसके लिए अनुशंसा नहीं की है, इसके लिए चापाकल नहीं लगा है. सरकार की योजना के अनुसार सभी 14 पंचायतों में 10 -10 चापाकल लगाया जाना है. दो साल पहले से ही सभी पंचायतों के लिए पांच-पांच चापाकल का सामान विभाग में आया था. पांच पांच चापाकल का हाल में ही टेंडर पूरा हुआ है. पीएचइडी विभाग के अनुसार पूरे प्रखंड में लगभग 1100 चापाकल लगे हुए हैं. ताजा स्थिति यह है कि गांवों में लगे अधिकतर सरकारी चापाकल खराब हैं.
पेयजल समस्या से निबटने के लिए गांवों में जो भी बोरिंग की गयी है, उससे लोगों को पेयजल सुविधा नहीं मिल रही है. कई गांवों में वर्षो पहले शुद्ध पेयजल के लिए लगाये गये सिलिंडर वाले चापाकल भी बेकार हो चुके हैं. फतेहपुर का बोरिंग दो साल से खराब है, उसकी सुधि लेनेवाला कोई नहीं हैं. ममलखा के ग्रामीण वर्षो से आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पानी पीकर जी रहे थे. अब उस पानी पर भी आफत है.
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