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एएसपी की जांच में असरगंज थानेदार दोषी, गिरेगी गाज

भागलपुर : वाहन लूट के एक मामले में असरगंज थानेदार का आचरण वरदी को दागदार किया है. थानेदार ने पीड़ित की प्राथमिकी तो दर्ज नहीं ही की, उसके साथ गाली-गलौज, मारपीट किया और थाने से उसे भगा दिया. यहीं नहीं, लूट के घटनास्थल को बाथ थाने में बता मामले के वहां भेज दिया. जबकि घटनास्थल […]

भागलपुर : वाहन लूट के एक मामले में असरगंज थानेदार का आचरण वरदी को दागदार किया है. थानेदार ने पीड़ित की प्राथमिकी तो दर्ज नहीं ही की, उसके साथ गाली-गलौज, मारपीट किया और थाने से उसे भगा दिया. यहीं नहीं, लूट के घटनास्थल को बाथ थाने में बता मामले के वहां भेज दिया.
जबकि घटनास्थल असरगंज थाने में पड़ता था. जोनल आइजी बीएस मीणा ने भागलपुर के एएसपी (प्रशिक्षु) राकेश कुमार से मामले की जांच करायी तो उसमें असरगंज थानेदार दोषी पाये गये. जांच अधिकारी एएसपी राकेश कुमार ने असरगंज थाने पर तल्ख टिप्पणी की है. जांच रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है कि असरगंज थानेदार का आचरण पुलिस की छवि को धूमिल करना वाला है. एएसपी की जांच रिपोर्ट आइजी को भागलपुर एसएसपी के माध्यम से भेज दी गयी है. संभव है कि असरगंज थाने पर आइजी बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. थानेदार का निलंबन तक हो सकता है. क्यों जांच रिपोर्ट थानेदार के खिलाफ हैं.
यह है मामला : 21 नवंबर 2014 की रात चार अपराधियों ने असरगंज थाना क्षेत्र के होटल शिवम भवानी लदौआ के पास हथियार के भय दिखा कर भरत महतो की नयी बोलेरो पिकअप वाहन लूट ली. 22 नवंबर को भरत महतो और उनका बेटा राहुल असरगंज थाना गया और मामले की जानकारी दी. लेकिन असरगंज थानेदार ने पीड़ित की शिकायत को सुने बगैर डांट-डपट और मारपीट कर यह कहते हुए भगा दिया कि घटनास्थल बाथ थाना क्षेत्र में पड़ता है.
पीड़ित बाथ थाना पहुंचे और वहां के थानेदार को मामले की जानकारी दी. बाथ थानेदार ने फौरी कार्रवाई करते हुए पीड़ित का बयान लिया और घटनास्थल का मुआयना किया, जिसमें पता चला कि घटनास्थल होटल शिवम भवानी लदौआ असरगंज थाना क्षेत्र में पड़ता है. इसके बाद बाथ थानेदार पीड़ित और उसके फर्दबयान को लेकर असरगंज थाना पहुंचे और वहां के थानेदार को पूरी स्थिति से अवगत कराया. लेकिन असरगंज थानेदार ने फर्दबयान लेने से इनकार कर दिया और कहा कि घटनास्थल उनके थाना क्षेत्र में नहीं है. बाथ थानेदार ने तुरंत इसकी सूचना सुलतानगंज इंस्पेक्टर को दी. सुलतानगंज इंस्पेक्टर ने खुद असरगंज थानेदार से फर्दबयान लेने का आग्राह किया, लेकिन थानेदार के रवैये में कोई परिवर्तन नहीं आया. अंतत: भागलपुर एसएसपी को पूरे मामले की जानकारी दी गयी. एसएसपी के निर्देश पर बाथ थाने में ही वाहन लूट की प्राथमिकी दर्ज की गयी और बाथ थानेदार स्वयं इसके आइओ बने.
एएसपी ने थानेदार पर की तल्ख टिप्पणी
यदि घटनास्थल और सीमा क्षेत्र को लेकर किसी प्रकार का संदेह था तो भी असरगंज थानेदार का यह कर्तव्य बनता था कि वह पीड़ित का बयान लेकर अपने थाने में प्राथमिकी दर्ज करे और उसके बाद उसे बाथ थाने में अग्रसारित कर दे. असरगंज थानेदार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण पीड़ित को अनावश्यक प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा. इससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुआ और सरकारी समय भी बरबाद हुआ. असरगंज थानेदार का व्यवहार से पुलिस की छवि को धूमिल हुई. थानेदार का कार्य विभागीय नियम और मर्यादा के प्रतिकूल है, जिसके लिए वे दोषी हैं.
राकेश कुमार, एएसपी

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