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शिक्षा के सिद्धांत व व्यावहारिक पक्ष का समन्वय जरूरी

-दो वर्ष का बीएड कोर्स तैयार करने को लेकर आयोजित कार्यशाला में बोले एनसीटीइ के पदाधिकारीफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरशिक्षा के सिद्धांत और व्यावहारिक पक्षों के समन्वय से ही शिक्षण की उन्नति संभव है. यह बातें दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के निर्धारण को लेकर बरारी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में एनसीटीइ, भुवनेश्वर के […]

-दो वर्ष का बीएड कोर्स तैयार करने को लेकर आयोजित कार्यशाला में बोले एनसीटीइ के पदाधिकारीफोटो : सुरेंद्रवरीय संवाददाता, भागलपुरशिक्षा के सिद्धांत और व्यावहारिक पक्षों के समन्वय से ही शिक्षण की उन्नति संभव है. यह बातें दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम के निर्धारण को लेकर बरारी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में एनसीटीइ, भुवनेश्वर के पदाधिकारी डॉ अली इमाम ने कही. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ एके मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों के सम्मान से ही शिक्षा की उन्नति संभव है. टीएमबीयू के पूर्व कुलसचिव डॉ विजय कुमार सिंह ने शिक्षा में गुणवत्ता पर जोर दिया. राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद, नयी दिल्ली के सदस्य डॉ ज्ञान देव मणि त्रिपाठी ने कहा कि हाशिये पर पड़ी शिक्षा को नवीन विचारधारा में लाने की आवश्यकता है. दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के चंदन श्रीवास्तव ने बीएड पाठ्यक्रम में नवीनता की आवश्यकता और उसके निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. एसएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ मीना रानी ने शिक्षा के पाठ्यक्रम में नैतिकता व मानवीय मूल्यों के समावेश पर बल दिया. टीएमबीयू के शिक्षा संकाय के डीन डॉ राकेश कुमार ने कार्यशाला के उद्देश्य व कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला. समारोह की शुरुआत पूर्ववर्ती छात्रा कविता की सरस्वती वंदना पर नृत्य प्रस्तुति से हुई. महाविद्यालय की छात्रा दीप्ति, प्रिया, खुशबू, नेहा, भानुप्रिया, सरिता, आरती, पायल ने कुलगीत व स्वागत गान पेश किया. मंच संचालन व्याख्याता अनामिका सिंह ने किया. डॉ अशोक कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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