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सिर्फ बजट में ही रह जाता है योग का कोर्स

भागलपुर: योग आज घर-घर की जरूरत बन गयी है. हर कोई इसे अपना कर स्वस्थ जीवन जीना चाह रहा है. इस पर छात्र-छात्राएं शोध कर रहे हैं. कई शिक्षण संस्थान हैं, जहां योग के शिक्षक कार्यरत हैं. छात्र-छात्राओं को योग की शिक्षा दे रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पिछले तीन […]

भागलपुर: योग आज घर-घर की जरूरत बन गयी है. हर कोई इसे अपना कर स्वस्थ जीवन जीना चाह रहा है. इस पर छात्र-छात्राएं शोध कर रहे हैं. कई शिक्षण संस्थान हैं, जहां योग के शिक्षक कार्यरत हैं. छात्र-छात्राओं को योग की शिक्षा दे रहे हैं.

इसे ध्यान में रखते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय पिछले तीन वर्षो से बजट में राशि का प्रावधान करता आ रहा है. लेकिन योग का कोर्स कहीं चालू नहीं हो सका. 28 फरवरी को पारित बजट में भी योग सहित पांच पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है. इन पाठ्यक्रमों के शुरू होने से छात्र काफी लाभान्वित होंगे. लेकिन यह इस साल भी आरंभ हो पायेगा या नहीं, पूरी तरह तय नहीं माना जा सकता है.

योग से जुड़नेवालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए वर्ष 2012 में योग का कोर्स शुरू करने का निर्णय भागलपुर विश्वविद्यालय ने लिया था. बजट में योग सहित फिजियोथेरेपी, पत्रकारिता, संगीत, सांस्कृतिक व युवा कल्याण जैसे पाठ्यक्रम शामिल किये गये थे. तब कुलपति के पद पर डॉ विमल कुमार थे. इसके बाद के वर्षो में बजट में इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिये राशि का प्रावधान किया जाता रहा. इस वर्ष भी पारित किये गये बजट में इसे शामिल किया गया है.

वर्ष 2012 से पहले विश्वविद्यालय में योग व फिजियोथेरापी का कोर्स शुरू किया गया था. फंड के अभाव में बंद हो गया था. फिर वर्ष 2012 से इसे बजट में शामिल किया जाने लगा. सरकार इसके लिए राशि निर्गत करेगी, तभी सभी कोर्स शुरू किये जा सकते हैं.
प्रो एके राय, प्रतिकुलपति, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय

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