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सिल्क सिटी की तंग गली , कैसे पहुंचेगा दमकल

भागलपुर: अगर नहीं चेते, तो मुख्य बाजार खलीफाबाग चौक और उसके आसपास की तंग गलियां कभी भी जल कर राख हो सकती है. इन गलियों में रत्ती भर भी जगह नहीं बची है, जिसमें दमकल की गाड़ी पहुंच सके. सड़कें संकरी है, इससे वहां तक दमकल गाड़ियों का पहुंचना असंभव नहीं है. वेराइटी कपड़े की […]

भागलपुर: अगर नहीं चेते, तो मुख्य बाजार खलीफाबाग चौक और उसके आसपास की तंग गलियां कभी भी जल कर राख हो सकती है. इन गलियों में रत्ती भर भी जगह नहीं बची है, जिसमें दमकल की गाड़ी पहुंच सके. सड़कें संकरी है, इससे वहां तक दमकल गाड़ियों का पहुंचना असंभव नहीं है.

वेराइटी कपड़े की दुकान में आग लगी तो डेढ़ घंटे बाद दमकल पहुंची. इस कारण करीब 37 लाख का नुकसान हुआ था. दो साल पूर्व मुंदीचक की गली में निजी अपार्टमेंट में गैस सिलेंडर से लगी आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ी अंदर तक नहीं पहुंच सकी थी, जिस लाखों का नुकसान हुआ था और किसी तरह आस-पास के घरों की टंकी के पानी से आग बुझायी गयी थी.

नहीं बची है रत्ती भर भी जगह : शहर के कई इलाकों में खुले जगह की कमी है. चूड़ा पट्टी, हड़िया पट्टी जैसे क्षेत्र में दिन में पैदल चलने की भी जगह बड़ी मुश्किल से मिलती है. दुकानें गलियों का अतिक्रमण कर लेती हैं. इन इलाकों में मुख्यत: कपड़ा, किराना के खुदरा व थोक व्यापारी हैं. आग लगने की स्थिति में दमकल विभाग भी कहता है कि खुले स्थान की ओर भागना चाहिए, लेकिन मकानों व दुकानों से भरे शहर के इन इलाकों के सड़क इतने संकरे हैं कि वहां से भागना तो दूर बच कर निकलना भी मुश्किल है. यहां की सड़कें इतनी संकीर्ण हैं कि छोटे वाहन तक का प्रवेश नहीं हो सकता. ऐसे में यदि आग जैसी वीभत्स घटना हुई तो हालात बेकाबू तो होंगे ही, भारी तबाही के साथ साथ जान-माल की काफी क्षति हो सकती है.

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