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बाढ़ राहत कार्य सिर्फ कागजों पर होता है

भागलपुर: भागलपुर व आसपास के क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी हैं. बाढ़ पीड़ित अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में उनकी उम्मीदें प्रशासनिक मदद से जुड़ी हुई हैं. पर क्या प्रशासन इस ओर सही पहल कर कर रहा है. क्या बाढ़ पीड़ितों […]

भागलपुर: भागलपुर व आसपास के क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी हैं. बाढ़ पीड़ित अपनी जान माल की सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में उनकी उम्मीदें प्रशासनिक मदद से जुड़ी हुई हैं. पर क्या प्रशासन इस ओर सही पहल कर कर रहा है. क्या बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री व सहायता मुहैया करायी जा रही है. इस सवाल पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया फेसबुक के माध्यम से हम तक पहुंचायी. तुषार सिंह कहते हैं, अभी तक प्रशासन सोया हुआ है. राहत काम शुरू नहीं किया गया. यह दुखद है. राकेश भाटिया कहते हैं कि प्रशासन राहत सामग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंचाता है.

शिव शक्ति सिंह का कहना है कि अभी तक कोई मदद नहीं मिल रही है. जिला प्रशासन और सरकार इसके लिए दोषी है. ज्ञान चंद कहते हैं कि बाढ़ पीड़ित तबाह हैं पर प्रशासन कोई चिंता नहीं है. आशुतोष राय कहते हैं, उनके गांव प्रशस्तडीह के बाढ़ पीड़ित राहत की गुहार लगा कर थक चुके हैं पर कोई मदद नहीं मिली है. अंकित भी इस उदासीनता को दुखद मानते हैं. अमित कुमार कहते हैं, हर साल बाढ़ आती है हजारों आशियाने को तबाह कर जाती है पर प्रशासन सोया रहता है. नीतीश कुमार का कहना है, बाढ़ पीड़ितों को सिर्फ कागजी तौर पर सहायता दी जा रही है. सहायता के नाम पर पैसे की लूट मची हुई है.

धमेर्द्र कुमार कहते हैं, हर रोज लोग डूब रहे हैं, पर सहायता के लिए कोई पहल नहीं दिख रही है. सिद्धार्थ आनंद कहते हैं, हमारा प्रशासन अपाहिज हो चुका है जिसके कारण इनसान बेबस हो रहा है. अंकित निकुंभ का कहना है, प्रशासन की ओर से कोई काम नहीं किया जा रहा जबकि बाढ़ भयावह स्थिति में आ चुकी है. इस सवाल पर राजीव रंजन, अमित ठाकुर, चिंकू बिहारी, मिहिर झा, पुरुषोत्तम कुमार, मेंही प्रसाद यादव, रमन आदि ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

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