अलबत्ता केस की समीक्षा के दौरान जमालपुर एसआरपी उमाशंकर प्रसाद ने इस पर सवाल उठाया है. बड़हरवा पुलिस ने इस मामले में बड़हरवा रेल थाना कांड संख्या-04/14 दर्ज किया था, जबकि भागलपुर रेल पुलिस ने कांड संख्या-38/14 अंकित किया था. दोनों केसों में एनडीपीएस एक्ट लगाया गया है.
दोनों आरोपियों से दोनों रेल थानों की पुलिस ने अलग-अलग पूछताछ की तो उन्होंने सरगना का नाम वासुदेव साह बताया था. जिसे मोजाहिदपुर पुलिस के सहयोग से रेल पुलिस ने अलीगंज से गिरफ्तार कर लिया था. दोनों आरोपी वासुदेव के बताये हुए स्थान पर गांजा लेने बालेश्वर, ओड़िशा गये थे और वहां से बैग में भर कर गांजा ला रहे थे. इसी दौरान पकड़े गये थे. इस मामले में संजय साह का भी नाम आया था, जो वासुदेव के लिए काम करता है. लेकिन अब तक संजय की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.