भागलपुर: जिले के प्रारंभिक स्कूलों के लगभग 35 प्रधानाध्यापकों के खिलाफ एफआइआर संभव है. एफआइआर कराने का निर्देश जारी करने से शिक्षक संघों का विरोध न ङोलना पड़े, इसके लिए शनिवार की दोपहर डेढ़ बजे शिक्षक संघों के पदाधिकारियों की बैठक सर्व बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय में बुलायी गयी है. दरअसल एक सप्ताह पूर्व एक […]
भागलपुर: जिले के प्रारंभिक स्कूलों के लगभग 35 प्रधानाध्यापकों के खिलाफ एफआइआर संभव है. एफआइआर कराने का निर्देश जारी करने से शिक्षक संघों का विरोध न ङोलना पड़े, इसके लिए शनिवार की दोपहर डेढ़ बजे शिक्षक संघों के पदाधिकारियों की बैठक सर्व बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय में बुलायी गयी है.
दरअसल एक सप्ताह पूर्व एक प्रधानाध्यापक के खिलाफ एफआइआर का निर्देश जारी होने पर शिक्षक संघ ने विरोध जताया था. इस बार 35 प्रधानाध्यापक के खिलाफ मामला है. लिहाजा शिक्षा विभाग संघ के पदाधिकारियों के साथ मंथन कर लेना उचित मान रहा है.
जिन प्रधानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने पर विचार किया जा रहा है, उनके खिलाफ प्रधानाध्यापक कक्ष और वर्ग कक्ष का निर्माण नहीं करने का आरोप है. इनमें लगभग 22 प्रधानाध्यापक कक्ष और वर्ष 2010-11 के नौ कमरे और वर्ष 2011-12 के सात कमरे का निर्माण शुरू भी नहीं किया गया है. संभावना है कि 16 फरवरी को होनेवाली जिलाधिकारी की समीक्षा बैठक के बाद एफआइआर का निर्देश जारी हो जाये. बिहार शिक्षा परियोजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नसीम अहमद ने बताया कि एफआइआर से पहले शिक्षक संघों के पदाधिकारियों को बैठक में संबंधित विद्यालयों में लंबित योजना आरंभ कराने या राशि वापस कराने के लिए कहा जायेगा. अगर वे जवाबदेही नहीं लेंगे, तो विभागीय कार्रवाई व प्राथमिकी करने की प्रक्रिया की जायेगी. ज्ञात हो कि इससे पूर्व दादपुर मध्य विद्यालय के प्रधान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. खैरपुर कदवा मध्य विद्यालय के प्रधान के खिलाफ प्रपत्र क का गठन कर स्थापना के डीपीओ कार्यालय को भेज दिया गया है.
19.87 लाख के गबन का आरोप
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बिहपुर के पूर्व संचालक भरत शर्मा पर 19 लाख 87 हजार 14 रुपये के गबन का आरोप है. उनके खिलाफ प्रपत्र ‘क’ का भी गठन शिक्षा विभाग ने कर दिया है. पिछले वर्ष 10 नवंबर को पटना में हुई बैठक में राज्य परियोजना निदेशक को सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने बताया था कि राशि का अपव्यय हो जाने के कारण केंद्र के लिए आवश्यक उपस्कर व बेड चादर की खरीदारी नहीं हो सकी है. इसके बाद निदेशक ने राशि की वसूली का निर्देश दिया था. इसके बाद एसएसए के डीपीओ ने स्थापना के डीपीओ से राशि वसूली की कार्रवाई करने का अनुरोध पिछले वर्ष 13 दिसंबर को किया था. लेकिन अब तक राशि वसूली नहीं जा सकी है. इस बाबत स्थापना के डीपीओ को गत 11 फरवरी को दोबारा पत्र भेज कर एसएसए के डीपीओ ने राज्य कार्यालय को वस्तुस्थिति बताने के लिए अद्यतन स्थिति बताने का अनुरोध किया है.