भागलपुर: गंडक से छोड़ा गया 353063 क्यूसेक पानी के कारण गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. इस कारण बाढ़ भयावह हो रहा है. एक सप्ताह बाद पानी और बढ़ने की आशंका है. दरअसल, दो दिन पूर्व उत्तरांचल से गंगा नदी में काफी मात्र में पानी छोड़ा गया है. इसे भागलपुर तक पहुंचने में आठ दिन का समय लगेगा. फिलहाल गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. गंगा का जल स्तर रविवार सुबह छह बजे 33.57 मीटर दर्ज किया गया है. केंद्रीय जल आयोग की ओर से डेंजर जोन का लेवल 33.68 मीटर रखा गया है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो गंगा का जल स्तर करीब डेढ़ से दो फीट तक बढ़ेगा. इधर, गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी नये-नये इलाकों में फैलने लगा है. इंजीनियरिंग कॉलेज कभी भी बाढ़ की चपेट में आ सकता है. चाहरदिवारी के कारण अबतक पानी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन जिस तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है, आने वाले दो-चार दिन के अंदर इंजीनियरिंग कॉलेज में पानी प्रवेश करने की आशंका है.
फल्ड फाइटिंग का काम जोरों पर
इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे लगभग 12.49 करोड़ रु पये से 930 मीटर में कराये गये कटाव निरोधी कार्य (जीओ बैग) गंगा में विलीन हो चुका है. कटाव स्थल से ऊपर पानी होने के कारण एक भी जीओ बैग अब नहीं दिख रहा है. कार्यस्थल पर गंगा के पानी का करंट तेज हो गया है. कटाव स्थल पर जल संसाधन विभाग की ओर से फल्ड फाइटिंग का काम जोरों पर है. इसके लिए मजदूरों को लगाया गया है जो सीमेंट के बोरों में मिट्टी भर का डाल रहे हैं. बाढ़ की विभीषिका को देख जल संसाधन विभाग को हाइअलर्ट किया गया है. साथ ही 24 घंटे तैनात रहने का निर्देश मिला है. लेकिन रविवार शाम चार-साढ़े चार बजे इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे चल रहे फल्ड फाइटिंग काम के दौरान कोई भी इंजीनियर मौजूद नहीं थे. इंजीनियरों की गैरहाजिरी में ही मजदूर काम पर लगे थे.