भागलपुर: बिजली निजीकरण के विरुद्ध बिहार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाइ यूनियन ने शुक्रवार को तिलकामांझी विद्युत सब डिवीजन कार्यालय में बैठक की. बैठक की अध्यक्षता उपाध्यक्ष संत लाल दास ने की. मौके पर यूनियन के शशि भूषण सिंह ने कहा कि यूनियन साउथ बिहार स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड से तब तक लड़ाई लड़ते रहेगा, जब तक भागलपुर से एसपीएमएल कंपनी को हटा नहीं लेता है.
एसपीएमएल का विद्युत कंपनी के साथ 36 करोड़ में एग्रिमेंट हुआ है और वह अरबों की संपत्ति का मालिक बनेगा. कंपनी केवल विद्युत कंपनी को लूटने का काम करेगी. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं के साथ-साथ विद्युत कंपनी को भी भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि कंपनी अभी से धोखाधड़ी शुरू कर दी है. जॉब फेयर के नाम पर ऊगाही हुई है. अब तक अभ्यर्थियों को पद के हिसाब से न्यूनतम व अधिकतम वेतन नहीं बताया गया है, जबकि विद्युत कंपनी में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का न्यूनतम वेतन करीब 12 हजार रुपये है. कंपनी जब टेक ओवर कर भागलपुर को अपने हाथों में लेगी, तो उनका खुद का कानून व नियम-शर्त लागू होगा.
बिजली आपूर्ति से लेकर बिल वितरण आदि कार्य अपने स्तर पर करेगा. भागलपुर शहर समेत अलीगंज व कहलगांव सब डिवीजन में कम से कम दो हजार अधिकारी व कर्मचारी की जरूरत है, लेकिन 350 से 400 के बीच काम चलायेगा. यूनियन के उदय कांत झा ने कहा कि विद्युत कंपनी बिजली उत्पादन नहीं करती है. केंद्र से 1750 मेगावाट ही बिजली मिलती है जबकि जरूरत तीन हजार मेगावाट की है.
भागलपुर में कम से कम 70 मेगावाट की जरूरत है. कहां से पूर्ति होगी. ओपेन मार्केट से खरीद कर कंपनी को भागलपुर में आपूर्ति करने के लिए कहां से दिया जायेगा. मौके पर पीके सिंह, योगेंद्र कुमार, विश्वकर्मा शर्मा, नारायण झा, अजरुन भट्टाचार्य, प्रमोद सिंह, दीपक कुमार, अभय नंदन सिंह, सुबोध यादव, अशोक कुमार, कैलाश कुमार, आदि उपस्थित थे.