भाषण का विषय ‘राष्ट्रवाद की भारतीय अवधारणा’ था. अपने भाषण के दौरान आलोक ने कहा कि राष्ट्रवाद सिर्फ राष्ट्रप्रेम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सभ्यता, शिक्षा, आचार, व्यवहार अतिथि देवो भव:, वसुधैव कुटुंबकम के रूप में हम भारतीय जनमानस की रगों में खून बन कर दौड़ रही है. इस पर प्रशाल तालियों से गूंज उठा था. उन्हें पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय त्रिपाठी ने पुरस्कृत किया. उन्हें प्रमाणपत्र, रजत पदक व 1101 रुपये प्रदान किया गया. प्रतियोगिता में बिहार व झारखंड के 15 विश्वविद्यालयों के लगभग 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था.
आलोक बिहारशरीफ के रहनेवाले हैं और संजय नैनम व भारती सिन्हा के पुत्र हैं. उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता की तैयारी में उन्हें कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसके पांडेय, डॉ सीएम पांडेय, डॉ मधुसूदन सिंह, डॉ केएन चौधरी ने सहयोग किया था. ज्ञात हो कि टीएनबी लॉ कॉलेज के प्रतिभागियों ने उक्त प्रतियोगिता में वर्ष 2000 व 2002 में सर्वश्रेष्ठ और वर्ष 2014 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था.