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एफआइआर और सनहा के हस्ताक्षर में घालमेल!
भागलपुर: कोतवाली थाने में दर्ज मारपीट और रंगदारी के एक मामले में (412/14) अजब-गजब खेल खेला गया है. इस मामले के सूचक दाऊदबाट निवासी सुरेंद्र कुमार उर्फ सोनू यादव हैं. उन्होंने राजीव सिंह, रंजीत कुमार उर्फ कारे व 5-6 अज्ञात लोगों पर मारपीट और रंगदारी मांगे जाने का आरोप लगा कर थाने में प्राथमिकी दर्ज […]
भागलपुर: कोतवाली थाने में दर्ज मारपीट और रंगदारी के एक मामले में (412/14) अजब-गजब खेल खेला गया है. इस मामले के सूचक दाऊदबाट निवासी सुरेंद्र कुमार उर्फ सोनू यादव हैं. उन्होंने राजीव सिंह, रंजीत कुमार उर्फ कारे व 5-6 अज्ञात लोगों पर मारपीट और रंगदारी मांगे जाने का आरोप लगा कर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना दो जुलाई 2014 की है. एफआइआर में जिक्र है कि 7 जून 2014 को भी पीड़ित ने कोर्ट में एक सनहा (2872/14) किया था.
यह सनहा भी सुरेंद्र कुमार की ओर दर्ज कराया गया था, लेकिन एफआइआर और सनहा में अंकित पीड़ित (सुरेंद्र कुमार) के हस्ताक्षर अलग-अलग हैं. दोनों हस्ताक्षर देखने से स्पष्ट है कि इसमें कुछ न कुछ घालमेल है.
वादी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश : इस मामले में डीआइजी संजय सिंह ने पीड़ित सुरेंद्र कुमार उर्फ सोनू के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराने संबंधी कार्रवाई का निर्देश दिया है. डीआइजी ने स्पष्ट कहा है कि वादी के खिलाफ 182/211 भादवि के तहत कार्रवाई हो, क्योंकि जांच में रंगदारी और मारपीट का मामला असत्य पाया गया है.
मामले में सिटी एएसपी के रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने केस के आइओ दया शंकर राय को निलंबित कर दिया गया था. बाद में इस मामले को दीवानी विवाद बता कर आइओ ने फाइनल रिपोर्ट भी कोर्ट में समर्पित कर दी थी.
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