बुधवार को एक ऑपरेशन किया गया था और मंगलवार को एक मरीज के हाइड्रोसिल का ऑपरेशन सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ असीम कुमार दास ने किया है. अस्पताल में भरती महिलाओं ने बताया कि घंटों इंतजार करने के बाद ही प्रसव केंद्र में प्रसव कराया जाता है. डॉक्टर मैडम से तो भेंट भी नहीं होती है. ओपीडी में एक ही चिकित्सक के भरोसे दोनों पाली में मरीजों की जांच की जाती है. प्रभारी डॉ दास ने बताया कि हमारे पास जितने चिकित्सक हैं, उस हिसाब से ड्यूटी दी गयी है. सबसे अधिक देर तक अस्पताल में मेरी ड्यूटी ही रहती है.
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सदर अस्पताल: एक चिकित्सक के भरोसे प्रसव केंद्र
भागलपुर: चिकित्सकों की कमी झेल रहे सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा और चरमरा गयी है. दो महिला चिकित्सकों में से एक के अवकाश पर चले जाने से अस्पताल का प्रसव केंद्र एक महिला चिकित्सक के भरोसे रह गया है. यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव स्टाफ नर्स व ममता कार्यकर्ता को ही कराना पड़ […]
भागलपुर: चिकित्सकों की कमी झेल रहे सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा और चरमरा गयी है. दो महिला चिकित्सकों में से एक के अवकाश पर चले जाने से अस्पताल का प्रसव केंद्र एक महिला चिकित्सक के भरोसे रह गया है. यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव स्टाफ नर्स व ममता कार्यकर्ता को ही कराना पड़ रहा है.
सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में दो महिला चिकित्सकों में से एक डॉ सुशीला चौधरी चार दिन के अवकाश पर चली गयी हैं. बाकी एक चिकित्सक डॉ अल्पना मित्र हैं, जो ऑन कॉल उपलब्ध हैं. लेकिन ऑन कॉल के चक्कर में कभी-कभी मरीजों की स्थिति गंभीर होने लगती है. ऐसे में या तो किसी तरह प्रसव कराया जाता है या जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. स्थिति यह हो गयी है कि जहां पहले हर माह 50 से 60 सिजेरियन किये जाते थे, वहां अभी बमुश्किल 25 ही हो पा रहे हैं.
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