बाल पंजी से मुख्यालय स्कूलों व छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में अपग्रेड करने का प्रयास कर रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालयों में जो खामियां व कमी है, उसे पूरा किया जा सके. बाल पंजी से विद्यालय की अद्यतन स्थिति का पता चल जायेगा.
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बाल पंजी नहीं भरने वालों पर गिर सकती है गाज
भागलपुर: प्राथमिक, मध्य व बुनियादी विद्यालयों में बाल पंजी को नहीं भरने वाले शिक्षकों पर गाज गिर सकती है. बाल पंजी में विद्यालय के पोषक क्षेत्र के जीरो से 14 आयु के सभी छात्रों का विवरण अंकित करना है. इसका संधारण 30 सितंबर 2014 से सभी विद्यालयों में करना है, जो 2020 तक जारी रहेगा. […]
भागलपुर: प्राथमिक, मध्य व बुनियादी विद्यालयों में बाल पंजी को नहीं भरने वाले शिक्षकों पर गाज गिर सकती है. बाल पंजी में विद्यालय के पोषक क्षेत्र के जीरो से 14 आयु के सभी छात्रों का विवरण अंकित करना है. इसका संधारण 30 सितंबर 2014 से सभी विद्यालयों में करना है, जो 2020 तक जारी रहेगा.
क्या है बाल पंजी
बाल पंजी में हेड मास्टर को विद्यालय का नाम व छात्रों की संख्या भरनी है. छात्र अगर बीच में पढ़ाई छोड़ दिया है, तो ऐसे बच्चों की संख्या लिखनी है. नि:शक्त बच्चों की संख्या सहित विद्यालय से जुड़ी योजनाओं का भी उल्लेख बाल पंजी में करना है. बाल पंजी विद्यालय में ही रहेगा. इसके अलावा विद्यालय शिक्षा समिति को गांव के हर घर में जा कर लड़कों की जानकारी लेना कि बच्च पढ़ता है या नहीं, साथ ही पारिवारिक स्थिति की जांच भी करेंगे.
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