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कौन देखेगा: नहीं मिलता यूरिया, कुछ तो कीजिये

पूरे जिले में यूरिया की कमी को लेकर हाहाकार मचा है. किसान क्या करें उनकी समझ में नहीं आ रहा है. वह कभी सड़क जाम तो कभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के पास गुहार लगाते हैं. लेकिन कहीं समाधान नहीं है. हां, 300 का खाद 500 रु में जरूर मिल जाता है. हालांकि मंगलवार को जब […]

पूरे जिले में यूरिया की कमी को लेकर हाहाकार मचा है. किसान क्या करें उनकी समझ में नहीं आ रहा है. वह कभी सड़क जाम तो कभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के पास गुहार लगाते हैं. लेकिन कहीं समाधान नहीं है. हां, 300 का खाद 500 रु में जरूर मिल जाता है. हालांकि मंगलवार को जब यह समस्या विकराल हुई तो कुछ कार्रवाई हुई. लेकिन यूरिया के लिए हाहाकार की स्थिति अभी है. प्रभात खबर टीम ने इस समस्या पर पूरी स्थिति का जायजा लिया.
भागलपुर: जिला के किसान परेशान हैं. उनकी रबी की फसल तबाह हो रही है. बारिश के बाद फसल में खाद की सख्त आवश्यकता है, लेकिन उन्हें सुलभता से खाद नहीं मिल रहा है. धड़ल्ले से खाद की कालाबाजारी जारी है. किसानों से खाद के बदले निर्धारित से अधिक मूल्य वसूले जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी कृषि विभाग को नहीं है. किसानों के अलावा खाद के खुदरा विक्रेताओं ने भी इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों को लिखित में अवगत कराया था, लेकिन इसके बाद भी विभाग के पदाधिकारियों की कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. आलम यह है कि खाद की किल्लत को लेकर अब किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है. वह सड़कों पर आंदोलन को बाध्य हो रहे हैं. किसानों के उग्र आंदोलन को लेकर अब विभाग की तंद्रा भंग हुई है और मंगलवार को जिला कृषि पदाधिकारी ने खाद दुकानों पर छापामारी की और गड़बड़ी पाये जाने पर 12 दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की है.
होता रहा है आंदोलन
खाद की किल्लत व कालाबाजारी को लेकर पिछले दो माह से किसान आंदोलन कर रहे हैं. 19 नवंबर 2014 को सुलतानगंज प्रखंड के किसानों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी का घेराव भी किया था. इस दौरान प्रखंड के खाद दुकानदारों ने भी लिखित ज्ञापन दिया था कि उन्हें भागलपुर गोदाम से ही अधिक दाम में खाद दिया जाता है. किसानों का कहना था कि जिस दाम में खाद बेचा जाता है, उसकी रसीद भी नहीं दी जाती है. प्रखंड कृषि पदाधिकारी कभी भी किसानों के साथ बैठक नहीं करते और न ही दुकानों का निरीक्षण करते हैं. दो दिन पूर्व भी नवगछिया अनुमंडल के किसानों ने खाद की कालाबाजारी रोकने व खाद उपलब्ध कराने की मांग को लेकर आंदोलन किया था और सड़क जाम किया था.
हरकत में आये पदाधिकारी
खाद की किल्लत और इसको लेकर हो रहे उग्र आंदोलन के बाद कृषि विभाग के साथ-साथ जिलास्तरीय पदाधिकारी भी हरकत में आये. मंगलवार को उप विकास आयुक्त सह प्रभारी डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कृषि विभाग के पदाधिकारियों के साथ कृषि टास्क फोर्स की बैठक की. बैठक में भी खाद की किल्लत का मुद्दा छाया रहा. प्रभारी डीएम डॉ सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी से खाद खासकर यूरिया की उपलब्धता रिपोर्ट मांगी है. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि मंगलवार को खगड़िया से 111 मीट्रिक टन (एमटी) खाद मिला है. इसके अलावा बुधवार शाम तक भी एक रैक आने की संभावना है. इससे जिला में खाद की किल्लत दूर हो जायेगी.
खाद की उपलब्धता को लेकर जिला कृषि पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. अब तक जिला के थोक विक्रेता को कितना यूरिया प्राप्त हुआ और थोक विक्रेताओं से फुटकर विक्रेताओं को कितना यूरिया दिया गया है, इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. रिपोर्ट के आधार पर सभी एसडीओ व बीडीओ से इसका सत्यापन कराया जायेगा. कहीं भी खाद का अवैध रूप से स्टॉक पाया गया तो, कड़ी कार्रवाई की जायेगी. सत्यापन के दौरान यदि निर्धारित से अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत प्राप्त हुई तो भी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
डॉ चंद्रशेखर सिंह, उपविकास आयुक्त सह प्रभारी डीएम

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