– योजना शुरू होने से पहले डाक विभाग ने सर्टिफिकेट नहीं कराया प्रिंट- पुराने सर्टिफिकेट को बिक्री के लिए डाकघरों को कराया उपलब्ध – 40 डाकघर और छह हजार सर्टिफिकेट खरीदारों के सामने कम पड़ा संवाददाता, भागलपुर कुछ दिन पहले शुरू हुई किसान विकास पत्र (केवीपी) योजना अस्तित्व में आने से पहले दम तोड़ने लगी है. केवीपी सर्टिफिकेट नहीं रहने से डाकघर ग्राहकों को उपलब्ध नहीं कर पा रहा है, जिससे ग्राहक लौट रहे हैं. डाकघरों की संख्या 40 है और रोजाना पांच सौ से अधिक ग्राहक लौट रहे हैं. प्रधान डाकघर में रोजाना 30 से 40 ग्राहकों के लौटने का सिलसिला जारी है. यह स्थिति पिछले दो-तीन दिनों से बनी है. योजना शुरू होने से पहले डाक विभाग ने केवीपी सर्टिफिकेट की छपाई नहीं कराया. सालों पहले योजना बंद होने के बाद बचे हुए सर्टिफिकेट को खपत के लिए डाकघरों में बिक्री के लिए भेजा था. अधिकारियों के मुताबिक छह हजार केवीपी के सर्टिफिकेट मिले थे. दो-तीन दिन के अंदर ही समाप्त हो गया. सर्टिफिकेट को बिक्री के लिए 40 डाकघरों में भेजा गया था. क्या है केवीपी योजना ग्राहकों को रुपये के बदले किसान विकास पत्र के नाम का सर्टिफिकेट डाक विभाग उपलब्ध करता है. जो 100 माह में दोगुना होने की योजना है. यह एक, पांच, 10 एवं 50 हजार में डाकघर से खरीदा जा सकता है. इसे ढ़ाई साल बाद भुनाने का प्रावधान है. केवीपी पर लोन लेने का भी प्रावधान है. किसान विकास पत्र के नाम का जो सर्टिफिकेट मिलेगा, उसे बैंक में गिरवी रख कर लोन प्राप्त किया जा सकता है. केवीपी खत्म होने की सूचना ई-मेल से कर दी गयी है. अब नया केवीपी सर्टिफिकेट आने पर ही बिक्री संभव है. एसकेपी सिन्हा पोस्टमास्टरप्रधान डाकघर
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डाकघर में केवीपी नहीं, लौट रहे खरीदार
– योजना शुरू होने से पहले डाक विभाग ने सर्टिफिकेट नहीं कराया प्रिंट- पुराने सर्टिफिकेट को बिक्री के लिए डाकघरों को कराया उपलब्ध – 40 डाकघर और छह हजार सर्टिफिकेट खरीदारों के सामने कम पड़ा संवाददाता, भागलपुर कुछ दिन पहले शुरू हुई किसान विकास पत्र (केवीपी) योजना अस्तित्व में आने से पहले दम तोड़ने लगी […]
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