भागलपुर: विक्रमशिला सेतु की रिपोर्ट अबतक मुख्यालय को नहीं भेजी गयी है. पुल निर्माण निगम रिपोर्ट तैयार नहीं कर सका है. उन्हें विक्रमशिला सेतु के नक्शा की जरूरत है.
नक्शा की तलाश शुरू हो गयी है. नक्शा से पता लगेगा कि सेतु का स्पेन, एक्सपेंशन ज्वाइंट व बॉल-बेरिंग किस टाइप का है. इस आधार पर ही मुकम्मल रिपोर्ट तैयार हो सकेगी. मालूम हो कि दिल्ली की कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट कंपनी की जांच के बाद पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर के इंजीनियर रिपोर्ट तैयार करने में जुट गये हैं. दिल्ली की कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट कंपनी के तीन इंजीनियर उज्वल कुमार गुप्ता, सुग्रीव कुमार और संजीव कुमार ने विक्रमशिला सेतु का निरीक्षण किया था. कार्यपालक अभियंता को जानकारी दी गयी थी कि पुल का ज्वाइंट एक्सपेंशन और बेंरिंग में खराबी आ गयी है और इसे ठीक कराना आवश्यक है. जांच टीम ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पुल को 15 साल के बाद मरम्मत की दरकार होती है. इस पुल का समय 14 साल से अधिक हो गया है
रिपोर्ट के आधार पर होगी मरम्मत
पुल निर्माण निगम से मुख्यालय को भेजी जानेवाली रिपोर्ट के आधार पर ही तय होगा कि विक्रमशिला सेतु की मरम्मत किस तरह की जाये. पुल निर्माण निगम के उच्चधिकारी ने बताया कि विक्रमशिला सेतु की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. विक्रमशिला सेतु को महत्वपूर्ण पुल मान कर मरम्मत करायी जायेगी. जरूरत पड़ने पर आवागमन रोका भी जा सकता है. उन्होंने बताया कि पुल निर्माण निगम कार्य प्रमंडल, भागलपुर से जब रिपोर्ट आ जायेगी, तो मुख्यालय रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेगा.
पोजिशन में स्पेन का नहीं होना सबसे बड़ा खतरा
बॉल-बेरिंग और ज्वाइंट एक्सपेंशन गड़बड़ाने से विक्रमशिला सेतु का स्पेन पोजिशन में नहीं है. यह विक्रमशिला सेतु के लिए सबसे बड़ा खतरा है. स्पेन ऊपर-नीचे दिखने लगा है. वाहनों के आवागमन के दौरान झटके से पुल को नुकसान पहुंच रहा है. जाम लगने से पुल ही स्थिति ज्यादा खराब होने लगी है. पुल के स्पेन पर घंटों गाड़ियां खड़ी रहने से स्पेन पूर्व अवस्था में लौट नहीं पाता है.