भागलपुर: गोड्डा से भाजपा सांसद व स्थानीय निशिकांत दुबे ने बिहार सरकार पर श्रवणी मेला की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 15 दिन बाद मेला शुरू हो रहा है. सबसे बड़ा क्षेत्र बिहार में पड़ता है. इसके बाद भी अबतक कोई तैयारी नहीं शुरू हुई है. उन्होंने यहां के एलआइसी के डिवीजन आफिस और एसबीआइ के जोनल आफिस के साथ हो रही साजिश का विरोध किया. श्री दुबे शुक्रवार को यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने स्थानीय समस्याओं के साथ-साथ नक्सली समस्या, झारखंड में चल रही राजनीतिक सरगरमी से लेकर भागलपुर व विक्रमशिला के विकास पर बेबाकी से अपनी बात रखी. सांसद श्री दुबे ने कहा कि झारखंड में श्रवणी मेला की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है, लेकिन बिहार के पार्ट में अबतक कुछ नहीं हुआ है. यह राज्य सरकार की उदासीनता की नतीजा है.
मेला में स्वास्थ्य, पथ निर्माण, पीएचइडी, नगर विकास इन विभागों का योगदान रहता है. गंठबंधन की सरकार में यह सब विभाग भाजपा के पास था. अब मुख्यमंत्री खुद देख रहे हैं. उन पर काम का बोझ है .श्री दुबे ने कहा कि गंठबंधन की सरकार में सर्वाधिक नुकसान भागलपुर को उठाना पड़ा.
पटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण शहर होने के बाद भी मुख्यमंत्री का इधर ध्यान नहीं था. जदयू के नेतृत्व की उपेक्षा का शिकार भागलपुर हो गया. भागलपुर आर्थिक व औद्योगिक दिशा में आज दोराहे पर खड़ा है. अब एसबीआइ के जोनल आफिस और एलआइसी के मंडल कार्यालय के आकार को छोटा करने की साजिश हो रही है. स्थानीय सांसद ने भी इस दिशा में आवाज उठायी है. स्थानीय नागरिक होने के नाते मैं भी इसका पुरजोर विरोध करता हूं. दोनों कार्यालय के रहने से यहां जबरदस्त आर्थिक लाभ हो रहा है, लोगों को रोजगार मिल रहा है.
भाजपा को लाभ होगा
झारखंड में वर्तमान में चल रही राजनैतिक सरगरमी व झामुमो के नेतृत्व में बन रही सरकार पर सांसद श्री दुबे ने कहा इससे भाजपा को ही लाभ होगा. जब-जब भाजपा झारखंड में विपक्ष में रही है उसे चुनाव में लाभ हुआ है. नयी सरकार के भविष्य पर पूछे जाने पर श्री दुबे ने कहा कि उस सरकार का भविष्य क्या हो सकता है जिसके 24 विधायकों पर सीबीआइ की तलवार लटकी है. कई विधायक जेल जाने की स्थिति में है.