भागलपुर: पंचायतों में होनेवाले विकास कार्यो को अब और गति मिलेगी. पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारी सहित मुखिया व अभियंता तक की प्रशासनिक तथा तकनीकी स्वीकृति की शक्ति बढ़ा दी है. जिलाधिकारी पहले 50 लाख तक की योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति देते थे.
अब वे 20 करोड़ तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति दे सकेंगे. उप विकास आयुक्त 30 लाख की जगह एक करोड़ तक की योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दे सकेंगे. पंचायतीराज विभाग ने एक संकल्प जारी कर कहा है कि पंचायतीराज विभाग के नियंत्रण में चलनेवाली योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की शक्तियों में बदलाव किया गया है. इसका मुख्य उदेश्य योजनाओं को गति देना है.
पंचायतीराज विभाग के नियंत्रण में बीआरजीएफ, मुख्यमंत्री ग्रामोदय कार्यक्रम, तेरहवां वित्त आयोग तथा चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर उपलब्ध राशि से पंचायतों में कई योजनाओं का कार्यान्वयन होता है. प्रशासनिक व तकनीकी शक्तियां कम रहने की वजह से राशि खर्च नहीं हो पाती थी. विभाग का मानना है कि नयी व्यवस्था से विकास योजनाओं को गति मिलेगी. जिला परिषद, पंचायत समिति या पंचायतों में चलनेवाली विकास योजनाओं को अधिकारी गति दे सकेंगे. संकल्प में कहा गया है कि पांच लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति के लिए जिला परिषद, पंचायत समिति या ग्राम पंचायत द्वारा विभिन्न विभागों में नियोजित अभियंताओं की सेवा ली जा सकती है. बिहार रूरल, डेवलेपमेंट सोसाइटी या डीआडीए में कार्यरत अभियंता की भी सेवा ली जा सकती है.