भागलपुर: खलीफाबाग स्थित सारो साहून मध्य विद्यालय की दीवार गिरने की घटना प्रभारी प्रधानाध्यापक की लापरवाही के कारण हुई है. दीवार पर ढलाई कर दी गयी होती, तो वह नहीं गिरती. इस बात का उल्लेख बिहार शिक्षा परियोजना, भागलपुर के सहायक अभियंता मनोज कुमार सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया है.
सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ नसीम अहमद ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दी गयी है.जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरे दीवार का निर्माण विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विभाष कुमार द्वारा कराया गया था.
इसमें विद्यालय विकास मद की राशि खर्च की गयी थी. दीवार निर्माण का प्राक्कलन वित्तीय वर्ष 2006-07 के निर्माणाधीन भवन में सम्मिलित नहीं है. दीवार का निर्माण सिर्फ ईंट चिनाई कर किया गया था. लेकिन दीवार के मध्य व कोने पर अवस्थित स्टीफनर की ढलाई नहीं की गयी थी. ढलाई नहीं होने के कारण दीवार गिर गिर गयी. इसमें प्रभारी प्रधानाध्यापक की लापरवाही परिलक्षित होती है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दीवार का निर्माण विभागीय अनुमति व विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक में लिये गये निर्णय से नहीं हुआ है.
अगर दीवार कमजोर थी, तो प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा उसकी सतत निगरानी क्यों नहीं की गयी. जांच रिपोर्ट में विद्यालय प्रबंधन पर भी सवाल खड़ा किया गया है. कहा गया है कि अगर उस कमजोर क्षेत्र को विद्यालय प्रबंधन द्वारा निगरानी में रखा जाता, तो यह दुर्घटना नहीं होती.ज्ञात हो कि सारो साहून मध्य विद्यालय की छत की दीवार गिरने से गुरुवार को सात छात्र-छात्रएं जख्मी हो गये थे. छात्रों को पैर, सर, पीठ व चेहरा पर गंभीर चोट लगी थी. जख्मी ाच्चों में तीसरी कक्षा की किमी रानी, स्वीटी कुमारी, सपना कुमारी, आशीष कुमार, आलोक कुमार व महक कुमारी और चौथी कक्षा की पम्मी कुमारी शामिल थीं.