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खून से लथपथ था लतीफ गमछा में धब्बा तक नहीं
भागलपुर : दो दिसंबर को कैंप जेल में कैदी लतीफ अली की हुई हत्या मामले में जेल प्रशासन की कहानी पर सवाल उठने लगा है. जेल प्रशासन और चश्मदीद कैदियों का कहना है कि कैदी जंग बहादुर सिंह ने गमछा में ईंट-पत्थर का टुकड़ा बांध कर लतीफ अली के सिर पर प्रहार किया. इससे लतीफ […]
भागलपुर : दो दिसंबर को कैंप जेल में कैदी लतीफ अली की हुई हत्या मामले में जेल प्रशासन की कहानी पर सवाल उठने लगा है. जेल प्रशासन और चश्मदीद कैदियों का कहना है कि कैदी जंग बहादुर सिंह ने गमछा में ईंट-पत्थर का टुकड़ा बांध कर लतीफ अली के सिर पर प्रहार किया. इससे लतीफ के सिर से खून निकलने लगा. लतीफ बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा. इसके बाद भी दो बार उस ‘गमछा हथियार’ से जंग बहादुर ने लतीफ के सिर पर वार किया.
जेल से गमछा हथियार किया जब्त : पुलिस को दिये बयान में घटना के चश्मदीद कैदी नवीन झा ने इस बात का समर्थन किया है कि जंग बहादुर ने कुल तीन बार ‘गमछा हथियार’ से लतीफ के सिर पर वार किया. जब पहले प्रहार में ही लतीफ के सिर से खून की धार बहने लगी तो दो बार और प्रहार के बाद गमछा हथियार में खून का दाग क्यों नहीं लगा.
पुलिस ने गुरुवार को जेल से जो गमछा हथियार जब्त किया है, उसमें खून का निशान नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता है. गमछा हथियार की सच्चई जानने के लिए पुलिस उसका फोरेंसिक जांच करा सकती है. जांच में यह स्पष्ट हो जायेगा कि गमछा में खून का निशान है या नहीं. अगर है तो वह किस ग्रुप का खून है. क्या वह खून कैदी लतीफ के ग्रुप से मिलता है या नहीं?
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