भागलपुर: भागलपुर समेत देश भर के आइसीएसइ स्कूलों में बच्चों को ओएमआर शीट से छुटकारा मिलेगा. अब उन्हें पिछले साल की तरह परीक्षा में एंसर शीट पर काले पेन से गोल घेरे करने में समय व्यतीत नहीं करना होगा. इस साल से ही उन्हें इस झंझट से मुक्ति मिलेगी. स्टूडेंट्स के साथ-साथ शिक्षकों को भी कॉपी जांचने में अतिरिक्त परेशानी कम होगी. काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीइ) ने नयी दिल्ली में हुए नेशनल कांफ्रेंस में परीक्षा पैटर्न में बदलाव का निर्णय लिया है. इस निर्णय के अनुसार आइसीएसइ व आइएससी की परीक्षा अब फिर से पूर्व की ही भांति होगी. कांफ्रेंस में देश भर के ढ़ाई हजार स्कूलों से हजारों प्रिंसिपल ने भाग लिया. इसका समापन शुक्रवार को हुआ. इस सम्मेलन में आइसीएसइ बोर्ड से ओएमआर शीट हटाने का निर्णय लिया गया.
क्या होती है ओएमआर शीट : ओएमआर शीट यानी कि ऑप्टिकल मार्क रिकोगAेशन शीट में मांगी गयी सूचनाओं को काले गोल घेरे से भी दरसाना होता है. इसमें अंगरेजी के 26 लेटर व एक से 10 नंबर के ऑप्शन होते हैं. अभ्यर्थी अपनी सूचना लिखित रूप में दर्ज करने के साथ संबंधित घेरे को नीले या काले बॉल पेन से काला करना होता है.
पहले क्या था पैटर्न : आइसीएसइ बोर्ड के स्कूलों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर पिछले वर्ष ही ओएमआर शीट लागू किया गया था. इसमें परीक्षार्थी के नाम, रोल नंबर व अन्य वांछित सूचनाओं को लिखने के अलावा काले घेरों के सहारे भी दरसाया जाता था. इसमें स्टूडेंट्स का काफी समय जाया होता था. इसके अलावा कॉपी जांच करने वाले शिक्षकों को भी ओएमआर शीट पर ही मूल्यांकन कर मार्क अंकित करना होता था. अब ऐसा नहीं होगा.
आइसीएसइ स्कूलों में परीक्षा पैटर्न में बदलाव हो रहा है. नेशनल कांफ्रेंस में यह निर्णय लिया गया है. उत्तर-पुस्तिका मे ओएमआर शीट का प्रयोग पिछले वर्ष ही लागू किया गया था. हालांकि मैं इस बार सम्मेलन में भाग नहीं ले सका.
फादर अमल राज, प्राचार्य, सेंट जोसेफ स्कूल