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बनेगी पांच हजार किमी ग्रामीण सड़कें

भागलपुर: सूबे में पांच हजार किमी ग्रामीण सड़क बनेगी. डीपीआर बन कर तैयार है. टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. साल भर में सड़क बन कर तैयार होगी. उक्त बातें ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को परिसदन में संवाददाताओं से कही. उन्होंने बताया कि युवा जदयू के जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह […]

भागलपुर: सूबे में पांच हजार किमी ग्रामीण सड़क बनेगी. डीपीआर बन कर तैयार है. टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. साल भर में सड़क बन कर तैयार होगी.

उक्त बातें ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को परिसदन में संवाददाताओं से कही. उन्होंने बताया कि युवा जदयू के जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह के आवेदन और ग्रामीणों की मांग पर टहसूर और खुर्द चिरायं स्थित चांदन नदी पर पुल बनेगा. अगले एक माह में पुल निर्माण की योजना को स्वीकृत करेंगे.

पुल बनने से कमलपुर, टहसुर, खुर्द चिरांय, हाजीपुर, कमलपुर आदि गांव के लोगों को बरसात में तैर कर नदी पार करने या फिर भागलपुर होकर जगदीशपुर प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि ग्रामीण सड़क खराब है. उसे भी मरम्मत कराने का निर्देश दिये हैं. डीपीआर बन गया है. पांच हजार किमी खराब सड़क की भी मरम्मत होगी. उन्होंने बताया कि सड़कों की मरम्मत को लेकर नीति बनायी गयी है. इसे गति प्रदान की जायेगी. प्रथम श्रेणी की सड़क को पहले प्राथमिकता दी जायेगी. जिला मुख्यालय से अनुमंडल, प्रखंड मुख्यालय, रेलवे स्टेशन, मंदिर-मसजिद, टूरिस्ट प्लेस आदि जाने वाली सड़क को प्राथमिकता में रखा गया है.

उन्होंने बताया कि 500 से एक हजार आबादी वाले 16 हजार ऐसे गांव है, जिसके लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की स्वीकृति मिलनी चाहिए थी. आज तक केंद्र सरकार से नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि सूबे में एक हजार बड़े पुलों का निर्माण करना है. भागलपुर में नाबार्ड से 11 पुल बनेगा. टेंडर जल्द ही निकाला जायेगा. उन्होंने बताया कि शाहकुंड प्रखंड के बेल्थू पंचायत में चांदन नदी पर व जगरिया पंचायत के केशोपुर और शहजादपुर के बीच धमना नदी पर पुल बनेगा. दौलतपुर और कटहारा के बीच बड़ुआ नदी पर चचरी पुल की जगह पक्का पुल का निर्माण होगा. पुल निर्माण कार्य की योजना को स्वीकृत कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि 50 हजार किमी सड़क के लिए 20 हजार करोड़ की जरूरत के आधार पर आठ हजार करोड़ की राशि मिली. 20 हजार किमी सड़क निर्माण बाकी है और 12 हजार करोड़ राशि की जरूरत है. केंद्र सरकार ने एक हजार करोड़ दिया है.

केंद्र सरकार को 11 हजार करोड़ देना है. इस साल के अंत तक का समय देंगे. अगर पैसा नहीं मिला, तो होर्डिग लगा कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के हश्र को उजागर किया जायेगा. उन्होंने बताया कि जो राशि मिली है, उसमें अधिक से अधिक पांच हजार किमी ही सड़क बन सकेगी. उन्होंने बताया कि 23 प्रतिशत निबंधित संवेदक को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. उन्हें आगे काम नहीं मिलेगा. निविदा में भाग लेने से रोक दिया गया है.उन्होंने बताया कि 500 से अधिक आबादी वाले 3200 गांव को सड़क से जोड़ने को लेकर स्वीकृति प्रदान की गयी है. केंद्र सरकार कहती है कि बिहार पैसा खर्च नहीं करता है. सूद के पैसे से काम चलाता है. सच्चई यह है कि 85 प्रतिशत राशि खर्च कर चुके हैं. पैसे के इंतजार में काम बाधित है. सड़क और पुल-पुलिया की योजना लंबित है. केंद्र सरकार चाहे तो जांच करा लें, लेकिन पैसा दें. समय पर सड़क और पुल निर्माण पूरा कर दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य के विकास से केंद्र को कोई रुचि नहीं है. मौके पर सुलतानगंज के विधायक सुबोध राय समेत जदयू नेता लक्ष्मी कांत मंडल, अजरुन साह, ब्रजकिशोर सिंह आदि थे.

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