सुलतानगंज: सुलतानगंज प्रखंड के खानपुर पंचायत के ईं खानपुर गांव में पक्की सड़क नहीं होने से लोगों को पगडंडी होकर मुख्य सड़क पर आना पड़ता है. मरीज को चारपाई पर मुख्य सड़क तक लाने की विवशता आज भी बनी हुई है. गांव के मंटू मंडल, गड्डू मंडल ने बताया कि गांव में मेहमान आने से कतराते हैं. बारिश के समय पांच माह काफी मजबूरी में लोगों का जीवन-यापन होता है.
सड़क के लिए डीएम का किया था घेराव
भागलपुर के तत्कालीन डीएम प्रेम सिंह मीना को भी सड़क के लिए ग्रामीणों ने वर्ष 2012 के 12 सितंबर को आयोजित ग्राम विकास शिविर से लौटने के दौरान रास्ते में कांटे का बेड़ा लगा कर आक्रोश व्यक्त किया था. उस समय डीएम ने सड़क बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पायी. गांव की हालत है कि चचरी पुल से आज भी जान जोखिम में डाल कर ग्रामीण शहर को आते हैं. लगभग 10 हजार की आबादी आज भी सड़क के लिए अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से आस लगाये हैं.
बिटिया की सगाई के लिए परिजन चिंतित
गांव में कोई भी बरात आना नहीं चाहता है. बिटिया सयानी हो चुकी है. शादी के लिए परिजन सारी व्यवस्था कर चुके हैं, लेकिन गांव में सड़क नहीं रहने से ग्रामीण सारी व्यवस्था के बावजूद चिंतित हैं. ग्रामीण मन्नू सिंह, देवचंद्र मंडल, बालमुकुंद सिंह कहते हैं कि बरात आयेगी, लेकिन सड़क विहीन गांव में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पंचायत के ईं खानपुर, माल खानपुर, दौलतपुर, रसीदपुर के गांव में सड़क नहीं है.
सरकारी उपेक्षा के कारण पंचायत निधि में उतनी राशि नहीं मिलती, जिससे सड़क का निर्माण कराया जाये. छोटी-छोटी गलियों में पक्कीकरण कार्य में ही पूरा पैसा खर्च हो जाता है. सरकारी योजना का पैसा खर्च करने के लिए कई कठोर नियम होने से विकास कार्य तीव्र गति से कराना संभव नहीं है. विधायक, सांसद कोटे से भी पंचायत को राशि नहीं दी जाती है. सड़क सहित कई मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव की समस्या से पंचायत के लोग जूझ रहे हैं.
विनय त्यागी, मुखिया, ग्राम पंचायत खानपुर, सुलतानगंज