भागलपुर: ‘जस्टिस डिले-इज जस्टिस डिनाय’ की अवधारणा के उलट भागलपुर में स्पीडी ट्रायल पुलिस के लिए वरदान साबित हो रहा है. इसके तहत अपराधियों को सजा और लोगों को त्वरित न्याय मिल रहा है. वर्ष 2013 में कुल 225 अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा मिली. 2014 में भी इसके तहत कई आरोपियों को सजा सुनाई गयी है.
पिछले छह माह के भीतर कई महत्वपूर्ण मामले में पुलिस ने स्पीडी ट्रायल चलाने के लिए कोर्ट से अनुरोध किया है. छेड़खानी, दुष्कर्म जैसे महिला, लड़कियों से जुड़े मामले में खुद आइजी बीएस मीणा ने जोन के सभी एसएसपी-एसपी के साथ बैठ कर कांड दर्ज होने के चौबीस घंटे के भीतर मामले में सुपरविजन और चाजर्शीट दायर करने का निर्देश दिया है. भागलपुर पुलिस ने हाल के कुछ दिनों में आधा दर्जन से अधिक मामले में 24 से 48 घंटे के भीतर आरोप-पत्र समर्पित किया है. पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ितों को न्याय मिलने की सहूलियत हो रही है.
क्या है स्पीडी ट्रायल
भागलपुर पुलिस ने जघन्य अपराधों से जु़ड़े मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए स्पीडी ट्रायल शुरू किया है. इस तरह के मामले में फास्ट ट्रैक अदालतों के माध्यम से मुकदमा चलाया जाता है. यह बहुत ही सफल साबित हुआ है. बिहार स्तर पर देखा जाये तो पिछले साढ़े पांच साल में राजनेता समेत 60 हजार अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषी ठहराये गये. वहीं भागलपुर पुलिस जिले में वर्ष 2013 में कुल 225 अपराधियों को इसके तहत सजा सुनाई गयी. स्पीडी ट्रायल की सफलता से लोगों में न्याय प्रणाली के प्रति आस्था बढ़ी है.
रेशम हत्या कांड
15 अक्तूबर को एक सनकी प्रेमी ने बबरगंज थाना क्षेत्र के वारसलीगंज निवासी आठवीं की छात्र रेशम कुमारी को सरेआम चाकू से गोद-गोद कर मार डाला था. इस मामले में आरोपी सनकी प्रेमी अभिषेक को पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार कर लिया था. उसने खुद को भी चाकू मार लिया था. इससे आरोपी भी जख्मी हो गया था. फिलहाल अभिषेक जेल में है. पुलिस ने इस मामले ने इस मामले का अनुसंधान कर अभिषेक के खिलाफ आरोप-पत्र समर्पित कर दिया है. इस माह के अंत मामले में गवाही शुरू हो जायेगी.
मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला
दो नवंबर को सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के सीतापुर मोहल्ला में सगे चाचा ने अपने पांच वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म कर लिया था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी चाचा पंकज कुमार साह को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने महज कुछ घंटों में मामले का अनुसंधान कर आरोप-पत्र भी समर्पित कर दिया था. घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे डीएसपी ने कांड का पर्यवेक्षण कर साथ-साथ पर्यवेक्षण रिपोर्ट भी जारी कर दिया था. भागलपुर जिले में यह पहला मामला था, जिसमें महज कुछ घंटों में पुलिस ने सुपरविजन किया और आरोप-पत्र समर्पित किया.