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कल होनी है प्रदूषण जांच, पर नहीं है जांच की सही व्यवस्था दो केंद्रों के भरोसे लाखों गाड़ियां

भागलपुर: शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ती गाड़ियों से निकलनेवाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है. छह माह के बाद ही किसी गाड़ी की प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य है, लेकिन भागलपुर में बिना प्रदूषण जांच के ही गाड़ियां सड़क पर दौड़ रही हैं. ऐसे में जिला परिवहन विभाग द्वारा चलाया जानेवाला ऑपरेशन ग्रीन […]

भागलपुर: शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ती गाड़ियों से निकलनेवाला धुआं पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है. छह माह के बाद ही किसी गाड़ी की प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य है, लेकिन भागलपुर में बिना प्रदूषण जांच के ही गाड़ियां सड़क पर दौड़ रही हैं. ऐसे में जिला परिवहन विभाग द्वारा चलाया जानेवाला ऑपरेशन ग्रीन अभियान जिले के वाहन मालिकों पर भारी पड़ सकता है. जिले में मात्र दो प्रदूषण जांच केंद हैं. इनके भरोसे लाखों गाड़ियां हैं.

विभागीय नियमानुसार बिना प्रदूषण जांच वाली गाड़ियों से एक हजार रुपये जुर्माना के तौर पर वसूले जायेंगे. सभी वाहन मालिक चाह कर भी प्रदूषण जांच नहीं करा पा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि शहर की सड़कों पर रोजाना 30 से 35 नयी गाड़ियों का बोझ बढ़ रहा है. जिले में पहले से ही लाखों छोटी-बड़ी गाड़ियां हैं. जिला परिवहन विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हर माह लगभग एक हजार नयी गाड़ियों का पंजीकरण हो रहा है, जबकि 15 सौ लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा रहा है. मालूम हो कि गाड़ियों की प्रदूषण जांच के लिए राज्य के सभी जिले में ऑपरेशन ग्रीन अभियान को लेकर शुक्रवार को जिला परिवहन पदाधिकारी जेएल सिन्हा द्वारा बुलायी गयी बैठक में 24 नवंबर को चलाये जाने वाले अभियान में जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है.

ऑपरेशन ग्रीन अभियान : सरकारी वाहन भी होंगे जांच के दायरे में

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर 24 नवंबर को गाड़ियों के प्रदूषण जांच के लिए चलाने जाने वाले अभियान ऑपरेशन ग्रीन के दायरे में सरकारी वाहन भी आयेंगे. अगर सरकारी वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं लिये हैं, तो उन पर भी जुर्माना लगाया जायेगा. इतना ही नहीं सभी वाहनों की सूची को मुख्यालय भेजा जायेगा. मोटर यान निरीक्षक संतोष कुमार ने कहा कि पूरे जिले में यह अभियान चलाया जायेगा. प्रदूषण जांच दायरे में प्राइवेट ही नहीं सरकारी वाहनों को भी शामिल किया जायेगा और प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं होने पर उन वाहनों पर भी जुर्माना लगाया जायेगा. जो प्राइवेट वाहन सरकारी कार्य में लगे हैं, उन्हें भी जांच दायरे में रखा जायेगा. जो प्राइवेट वाहन सरकारी कार्य में लगाये गये हैं और व्यावसायिक टैक्स नहीं देते हैं उसकी जिम्मेवारी विभाग के लोगों की है. विभाग के लोग इन वाहनों के कागजात की जांच कर लें कि टैक्स कॉमर्शियल लग रहा है या नहीं. श्री कुमार ने बताया कि शहर में वाहनों की संख्या में इजाफा को देखते हुए चार और प्रदूषण जांच केंद्र खोले जायेंगे.

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