भागलपुर: जिले में सालाना तीन हजार से अधिक मोबाइल गुम हो रहे हैं. पिछले पांच साल में जिले में भर करीब 15 हजार मोबाइल गुम हुए हैं. जिले के अलग-अलग थानों में मोबाइल गुम होने का सनहा भी दर्ज किया गया है. बड़ी बात है कि गुम हुए मोबाइल में एक को भी पुलिस नहीं खोज पायी. पुलिस सनहा दर्ज कर लोगों से अपनी पीछा छुड़ा लेती है.
होती है चोरी, दर्ज होता है गुम होने की रिपोर्ट
ज्यादातर मोबाइल चोरी होती है, लेकिन थाने में उसे गुम होने का सनहा दर्ज कर लिया जाता है. अगर पुलिस मोबाइल चोरी की प्राथमिकी दर्ज करेगी तो औसतन हर माह 30 से अधिक केस सिर्फ मोबाइल खोने का दर्ज करना पड़ेगा. सनहा दर्ज होने के बाद पुलिस एक भी मोबाइल की डिटेल्स नहीं निकालती है. ऐसे में खोने या चोरी होने वाले मोबाइल का पता नहीं चल पाता है.
बिना चढ़ावा के दर्ज नहीं होता सनहा
मोबाइल खोने पर थाने में सनहा दर्ज कराने में मोबाइल धारक को भारी फजीहत ङोलने पड़ती है. मोबाइल का गलत उपयोग न हो, इसके लिए हर कोई चाहता है कि थाने में रिपोर्ट दर्ज हो जाये. लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने में पुलिस मोबाइल धारक को भारी परेशान करती है. पहले से तय है कि बिना चढ़ावा के मोबाइल गुम होने का सनहा दर्ज नहीं होता है. फिलहाल भागलपुर में 100 से 200 रुपये तक मोबाइल गुम होने का सनहा दर्ज करने में देने पड़ते हैं. पैसे नहीं देने पर थाने में पुलिसकर्मियों का नखरा सुनना पड़ता है. जैसे कैसे खोया मोबाइल, मोबाइल और सिम की रसीद (कैशमेमो) कहां है. कोर्ट में शपथ-पत्र दायर कर लाओ आदि.