भागलपुर: नामांकन का दौर शुरू हो गया है. भागलपुर पढ़ाई के मामले में अलग स्थान रखता है. यहां कई प्रसिद्ध कॉलेज व स्कूल हैं. प्राइवेट कोचिंग संस्थानों की भी भरमार है. इनमें पढ़ भविष्य गढ़ने की तमन्ना रख बाहर से आनेवाले विद्यार्थियों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. ऐसे विद्यार्थियों में न सिर्फ बिहार के बल्कि अन्य प्रांतों के बच्चे भी शामिल हैं. यहां उनके रहने के लिए एक मात्र सहारा है प्राइवेट लॉज. जहां उन्हें घर सा माहौल मिले यह तमन्ना होती है. पर यहीं ठगे जा रहे यहां आनेवाले विद्यार्थी.
यहां के अधिकतर प्राइवेट लॉजों (कुछ में है व्यवस्था) में सुविधा का नितांत अभाव है. बड़ी-बड़ी बातें और सुविधा का दावा ठोंकनेवाले लॉज मालिक बाद में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं देते. लॉज छोड़ने पर सिक्यूरिटी मनी भी नहीं लौटाया जाता. विद्यार्थियों को कैसी समस्या होती है और इससे कैसे बचे, प्रस्तुत है इस पर पड़ताल.
खेल कैसे-कैसे : लॉज के लिए निर्धारित नियम का पालन नहीं किया जाता. जिला व पुलिस प्रशासन भी उनकी निगरानी नहीं करता. जानकारों का कहना है कि ऐसे में मनमर्जी करते हैं मालिक. खास कर नामांकन के समय में अपने एजेंट छोड़ देते हैं, जो बाहर से आनेवालों को फंसा कर लाते हैं और कमीशन पाते हैं.
महिला आयोग का निर्देश भी फेल : गत वर्ष लॉज में छात्रओं की परेशानी की बातें सामने आयी थीं. छात्रओं ने खुद महिला आयोग की अध्यक्ष व प्रेस को पत्र लिखा था. इस पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कहकशा परवीन ने एक लॉज का निरीक्षण भी किया था. इसी दौरान उन्होंने राज्य के सभी डीएम को पत्र लिख कर सभी प्राइवेट लॉजों की सूची मांगी थी. साथ ही कहा था कि लॉज में सुविधा क्या है इसकी जानकारी दी जाये.
आज तक इस मामले में क्या हुआ कोई सूचना आम नहीं हो सकी.
टपकता है पानी: खंजरपुर हनुमान मंदिर के पास एक प्राइवेट लॉज में रहनेवाली छात्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पिछले साल जब वह इस लॉज में रहने आयी तो उसे कई सुविधाओं की बात बतायी गयी थी. लेकिन अब बरसात में कमरों से पानी टपकता है. रूम में रहना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं लॉज में कूड़े का अंबार पड़ा रहता है, जिसकी सफाई नहीं होती.
427 अभ्यर्थियों को नौकरी
भागलपुर: जिला स्कूल परिसर में आयोजित दो दिवसीय नियोजन सह मार्गदर्शन मेला के अंतिम दिन रविवार को आवेदकों की भीड़ उमड़ी. नियोजन मेला में भागलपुर समेत अन्य जिले व राज्यों से 22 कंपनियां पहुंची थी. मौके सहायक निदेशक (नियोजन) अक्षय लाल कुमार के नेतृत्व में नियोजनालय के अधिकारियों की टीम भी मौजूद थी. श्री कुमार ने बताया कि इस साल का यह दूसरा नियोजन सह मार्गदर्शन मेला है. सहायक निदेशक (नियोजन) श्री कुमार ने बताया कि मेला में 22 नियोजकों को नौकरी के लिए 998 आवेदन प्राप्त हुए. जिसकी जितनी काबिलित थी, उस आधार पर 427 बेरोजगारों को नौकरी मिली. यानी, दोनों दिन मिला कर कुल 998 आवेदन में 668 बेरोजगारों को नौकरी मिली है.