भागलपुर : कोषागार के पीछे स्थित एक बंद कमरे से सोमवार को दिन में एक महिला की चीखने की आवाज से अचानक आसपास में हंगामा हो गया. महिला प्रताड़ना की घटनाओं से परेशान शहर के लोग उस कमरे की ओर दौड़ पड़े. पता चला कि कोषागार के पीछे पुराना एडीएम ऑफिस के एक कमरे में एक वृद्धा को एक कर्मचारी ने भूलवश बंद कर दिया है.
अंदर महिला लगातार चिल्ला रही थी. उस कर्मचारी को खोजा गया. उसने कमरे का ताला खोला. इसके बाद वृद्धा सुषमा देवी कमरे से आजाद हुई. वृद्धा बरियारपुर की रहने वाली है. वह इलाज के लिए भागलपुर आयी थी. थक जाने से कारण वह कचहरी परिसर स्थित पुराने एडीएम ऑफिस की सीढ़ी के पास बैठ गयी थी. उस ऑफिस के एक कमरे में अरुण कुमार नाम एक कर्मचारी रहता है. थकी-हारी वृद्ध महिला को देख अरुण को दया आ गयी और वह उन्हें अपने कमरे में ले आया.
वहां वृद्धा सो गयी. इस दौरान अरुण के ऑफिस जाने का समय हो गया. उसे याद नहीं रहा और कमरे को बाहर से ताला लगा कर वह ऑफिस चला गया. कुछ देर बाद वृद्धा की नींद खुली, तो वह घबरा गयी. कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था. वृद्धा कमरे के भीतर से ही चिल्लाने लगी. चिल्लाने की आवाज सुन कर कोर्ट के कई अधिवक्ता व अन्य लोग वहां जमा हो गये. आनन-फानन में अरुण को सूचना दी गयी. वह दौड़े-दौड़े आया और कमरे का दरवाजा खोला. इसके बाद वृद्धा कमरे से बाहर निकली और बरियारपुर के लिए रवाना हो गयी.