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निगरानी मामला: सजायाफ्ता जमादार की तलाश

भागलपुर: निगरानी कांड से संबंधित एक केस में सजायाफ्ता जमादार सैयद इमाम अली को भागलपुर पुलिस खोज रही है. 1988 में इस जमादार की बदली भागलपुर से हजारीबाग जिला हो गयी थी. जिले से बदली होने के बाद चार सितंबर 1993 को निगरानी कांड में जमादार को सजा दी गयी थी. इस संबंध में एसएसपी […]

भागलपुर: निगरानी कांड से संबंधित एक केस में सजायाफ्ता जमादार सैयद इमाम अली को भागलपुर पुलिस खोज रही है. 1988 में इस जमादार की बदली भागलपुर से हजारीबाग जिला हो गयी थी.

जिले से बदली होने के बाद चार सितंबर 1993 को निगरानी कांड में जमादार को सजा दी गयी थी. इस संबंध में एसएसपी ने एडीजी मुख्यालय को पत्र लिखा है. पत्र में जिक्र है कि यदि सेवानिवृत्ति के पश्चात जमादार जीवित हैं तो बिहार पेंशन रूल-43(बी) के तहत सरकार की स्वीकृति के लिए स्पष्ट प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय से उपलब्ध कराने निर्देश दिया गया था.

पत्र के मुताबिक, जमादार की नियुक्ति 8 जुलाई 1964 में हुई थी और आरक्षी संख्या-144 है. भागलपुर जिलादेश संख्या-838/77 के आलोक में साक्षर सिपाही में यह उत्तीर्ण हुए थे. एएसआइ में प्रोन्नत होकर 1988 को भागलपुर से हजारीबाग जिले विरमित हो कर चले गये थे. इनकी सेवा पुस्तिका भी हजारीबाग भेज दी गयी थी. सेवा पुस्तिका के भागलपुर में नहीं रहने के कारण जमादार के संबंध में भागलपुर पुलिस को जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसके लिए विशेष दूत हजारीबाग भेजा गया है.

30 पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार का आरोप
भागलपुर और मुंगेर रेंज के 30 पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ संबंधित जिले में विभागीय कार्रवाई लंबित है. तत्कालीन जोनल आइजी जितेंद्र कुमार ने भागलपुर और मुंगेर रेंज को डीआइजी को पत्र लिख कर इन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया था. भागलपुर रेंज के तीन जिले बांका, नवगछिया और भागलपुर में ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की संख्या 12 है, जबकि मुंगेर रेंज के छह जिले मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय में 18 पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में किसी न किसी रूप में लिप्त पाये गये थे. दोनों रेंज के कुल 30 पुलिस अफसरों पर विभागीय कार्रवाई लंबित है. इन पुलिसकर्मियों पर नैतिक अद्धर्म, कदाचार व भ्रष्टाचार आदि का आरोप है. कोई वसूली करते पकड़ा गया था, तो कोई केस में रुपये के लेन-देन में फंसा है. सभी को जांच में दोषी पाया गया था.

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