भागलपुर : आरडीडीइ व कर्मचारियों का विवाद उग्र रूप ले लिया है. मंगलवार दोपहर बाद आरडीडीइ व डीइओ कार्यालय के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी और आरडीडीइ के स्थानांतरण के बाद ही काम पर लौटने का निर्णय लिया. डीइओ कार्यालय परिसर में कर्मचारियों ने जम कर प्रदर्शन किया और आरडीडीइ के खिलाफ नारेबाजी की. सभी कर्मचारी बिहार शिक्षा अनुसचिवीय कर्मचारी संघ, भागलपुर के बैनर तले 11 सितंबर से कलम बंद हड़ताल पर थे.
* आरडीडीइ के तबादले की मांग करे रहे कर्मचारी
डीइओ कार्यालय में सभी कर्मचारी काम छोड़ बैठे थे. इतने में स्थापना शाखा के डीपीओ सुभाष कुमार गुप्ता पहुंचे. कर्मचारियों ने गोराडीह के प्रखंड व पंचायत शिक्षक और कहलगांव के पंचायत शिक्षकों का वेतन बैंक भेज दिया. वेतन भुगतान प्रक्रिया आगे बढ़ती ही कि इतने में एक कर्मचारी ने अन्य कर्मचारियों को सूचना दी कि पटना से खबर आयी है कि भागलपुर के सभी कर्मचारी काम में जुट गये हैं. इस सूचना पर सभी कर्मचारी भड़क गये और निर्णय ले लिया कि वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे और तब तक नहीं लौटेंगे जब तक कि आरडीडीइ का तबादला नहीं हो जाता.
* हजारों घरों में फीका होगा पर्व
कर्मचारियों की हड़ताल से हजारों घरों में अक्तूबर में पर्व फीका रहेगा. दरअसल कर्मचारियों के जिम्मे वेतन का बिल बनाना है और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. 25 सितंबर से दुर्गापूजा शुरू होगी. इसके बाद बकरीद, दीपावली और छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण पर्व अक्तूबर में ही है. सितंबर का वेतन और पूर्व की बकाया राशि नहीं मिलने से शिक्षक, शिक्षा विभाग के कर्मचारी प्रभावित होंगे.
– किस पर कितना पड़ेगा फर्क
* नियोजित शिक्षकों के तीन माह के राज्यांश का बकाया लगभग 60 लाख रुपये का भुगतान फंसा.
* जगदीशपुर, नारायणपुर व सुलतानगंज को छोड़ 13 प्रखंडों के प्रशिक्षित नियोजित 611 शिक्षकों की दिसंबर 2012 से अब तक की प्रशिक्षित वेतन की बकाया राशि का भुगतान फंसा. प्रत्येक शिक्षकों को 24,800 रुपये मिलना है.
* दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित 1305 शिक्षकों की बकाया राशि का भुगतान फंसा. प्रत्येक शिक्षक को 7000 रुपये मिलना है.
* बोले आरडीडीइ राधे प्रसाद
मुझे मंगलवार को दोपहर लगभग ढ़ाई बजे जिला कार्यालय से सूचना मिली थी कि कर्मचारी काम कर रहे हैं. जिसने सूचना दी, उन्हें आरडीडीइ कार्यालय की जानकारी नहीं थी. फिर अपने सूत्रों से पता किया, तो जानकारी मिली कि आरडीडीइ कार्यालय में काम नहीं हो रहा है. देर रात पटना से भागलपुर पहुंचेंगे. मेरे द्वारा बुलाये गये संघीय नेता अनुपम द्विवेदी, देवानंद घोष से आठ सितंबर को वार्ता हुई थी.
सहमति बनी कि सहमति पत्र तैयार किया जाये, फिर हस्ताक्षर कर देंगे. एक घंटे में लौटने की बात थी,लेकिन वे नहीं आये. सहमति पत्र भी नहीं बनाया. कलमबंद हड़ताल एक या दो दिन का होता है. 17 दिनों तक कर्मचारी कलमबंद हड़ताल पर रहे. इससे उनकी मंशा समझी जा सकती है. कर्मचारी आयेंगे, तो वार्ता होगी. जहां तक वे मेरे स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं, तो यह कार्य सरकार का है. सरकार जैसा उचित समझेगी, करेगी.