सबौर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी को भारत में बागवानी फसलों के अनुसंधान एवं विकास करने में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित शिवशक्ति लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड 2014 से सम्मानित किया जायेगा.
यह अवार्ड कोयंबटूर में 6 नवंबर को छठे भारतीय हॉर्टिकल्चर कांग्रेस सम्मेलन में प्रदान किया जायेगा. इसके तहत कुलपति को 51,000 रुपये, एक स्वर्ण पदक, स्मृति चिह्न् और प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा.
कृषि क्षेत्र में बड़ा है योगदान : कुलपति ने विगत चार वर्षो में बीएयू में कई विकास कार्य किये. उनके सफल नेतृत्व में बिहार के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली, राज्य के जलवायु अनुरूप अनुसंधान व किसानों के साथ जुड़ने का बेहतर कार्य हुआ है. इसके पूर्व कुलपति ने कृषि मंत्रलय भारत सरकार के बागवानी आयुक्त के पद पर रहते हुए राष्ट्रीय बागवानी मिशन, लघु सिंचाई योजना, राष्ट्रीय बांस मिशन की शुरुआत भी की थी. कुलपति ने अपने कार्यकाल के दौरान पूर्णिया एवं सहरसा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. कृषि शिक्षा के विकास के लिए इंग्लैंड व अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थानों से समन्वय स्थापित करना, पुस्तकालयों को वाई फाई व इंटरनेट की सुविधा से लैस करना, 20 वैज्ञानिकों को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण दिलाना, कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद से उद्यमिता विकास कार्यक्रम चलाना, महिला सशक्तीकरण और किसानों के नेटवर्किग व वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जोड़ने का कार्य इन्होंने किया. इनके प्रयास से जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से लैस किसान रथ का शुभारंभ किया जायेगा. वर्तमान में विश्वविद्यालय में 35 करोड़ की राशि से 16 अंतरराष्ट्रीय, 18 राष्ट्रीय, 16 अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना व 210 गैरयोजना की परियोजना संचालित की जा रही है.