भागलपुर: राज्य भर की लड़कियों को हुनरमंद बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हुनर परियोजना-चार की शुरुआत वर्ष 2013 में की गयी थी, लेकिन इसके केंद्र का भागलपुर में आज भी न पता है न ठिकाना.
राज्य सरकार ने लड़कियों को प्रशिक्षित करने के लिए केंद्र खोलने की जिम्मेवारी जिस फरकिया समाज कल्याण संस्थान, खगड़िया को सौंपी थी, उसके संचालक को आज तक न तो शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने देखा और न ही किसी और ने. यह स्थिति तब है, जबकि सैकड़ों छात्रएं इस परियोजना के लिए अपना नामांकन दर्ज करा चुकी थीं, पर वह विभिन्न क्षेत्र का हुनर प्राप्त नहीं कर सकी.
इस तरह हुआ नामांकन : 04 सितंबर 2013 को बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण व परीक्षा बोर्ड के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी अंगराज मोहन ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा था. इसमें कहा था कि 05 सितंबर 2013 से हुनर परियोजना-चार आरंभ किया जा रहा है. डीइओ अपने कार्यालय में बालिकाओं का नामांकन ले सकते हैं या बालिकाएं ऑनलाइन भी आवेदन कर सकती हैं. इसके बाद छात्राओं ने ऑनलाइन आवेदन कर नामांकन दर्ज करायी.
इसलिए फेल कर गयी परियोजना : 20 सितंबर 2013 को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने डीइओ पत्र भेज कर कहा था कि प्रत्येक जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बोर्ड द्वारा 2000 आवेदन प्रपत्र व 100 फोल्डर उपलब्ध कराया गया है. प्रधान सचिव ने हुनर-चार के व्यापक प्रचार अपने स्तर से कराने व छात्रओं को प्रोत्साहित कर अधिक से अधिक नामांकन कराने का भी निर्देश दिया था, लेकिन यह जानने की कोशिश नहीं की गयी कि जिस केंद्र के लिए डीइओ कार्यालय द्वारा नामांकन लिया जा रहा है, वह कहीं खुला है भी या नहीं.
बैठक में खुला राज, केंद्र ही नहीं खुला : इस वर्ष 29 अप्रैल को बिहार मुक्त विद्यालयी एवं परीक्षा बोर्ड के द्वारा संचालित अध्ययन केंद्र के समन्वयकों के साथ-साथ हुनर-चार के प्रशिक्षण केंद्र के संचालकों की बैठक में समीक्षा होनी थी. बैठक में सभी उपस्थित हुए, पर हुनर-चार के प्रशिक्षण केंद्र के संचालक या कोई प्रतिनिधि नहीं आये. पिछले माह 23 अगस्त को डीइओ ने सर्व शिक्षा अभियान की बैठक में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की थी. पूछने पर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ने कहा कि उनके प्रखंड में फरकिया समाज कल्याण संस्थान, खगड़िया के द्वारा समावेशी शिक्षा व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का संचालन नहीं हो रहा है.
क्या थी हुनर-चार परियोजना
हुनर-चार परियोजना बिहार सरकार द्वारा संचालित है. इसका क्रियान्वयन बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण व परीक्षा बोर्ड, पटना को करना था. इस कौशलवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के अल्पसंख्यक ( मुसलिम व अन्य), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग की 50 हजार बालिकाओं को कुल 16 विषयों में शिक्षण-प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण को छमाही पाठ्यक्रम और अधिकतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रओं को एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए प्रशिक्षण देना था.