भागलपुर: केंद्र की साल में सौ दिन रोजगार उपलब्ध कराने बाली महत्वाकांक्षी योजना ‘ मनरेगा’ के जरिए अब गांवों में स्वच्छता अभियान नये सिरे से शुरू होगा.
इस योजना से गांवों में शौचालय का निर्माण होगा. जिला में पहले चरण में हर पंचायत में 200 शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मनरेगा की शुरुआत गांवों में साल में कम से कम सौ दिन काम देने के लिए हुई थी. इस योजना के तहत कच्च, पक्का निर्माण के अलावा पौधरोपण होता था.
गांवों में स्वच्छता का नहीं होना आज भी एक बड़ी समस्या है. एक दशक से स्वच्छता अभियान चल रहा है इसके बाद भी यह पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सका. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता को एक मिशन के रूप में लिया है. इसके बाद मनरेगा को स्वच्छता अभियान से वृहतर रूप से जोड़ा गया. मनरेगा के जरिए शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है. पहले चरण में जिले की प्रत्येक पंचायत में 200 शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
जिला में 242 पंचायतें हैं. एक शौचालय के निर्माण पर 10 हजार रुपये खर्च किया जायेगा. गरीबी रेखा से नीचे रहनवाले लोगों को शौचालय निर्माण में प्राथमिकता मिलेगी. लेकिन जिन घरों में शौचालय नहीं है और वे गरीबी रेखा के नीचे नहीं हैं, उनके यहां भी मनरेगा से शौचालय का निर्माण होगा. पहले भी मनरेगा से शौचालय का निर्माण होता था, लेकिन उसमें इस योजना की भागीदारी कम रहती थी और निर्मल भारत अभियान से राशि मिलती थी. लेकिन अब पूरा 10 हजार रुपये मनरेगा से दिया जायेगा. अभी इंदिरा आवास के लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर योजना का लाभ दिया जा रहा है. उप विकास आयुक्त डॉ चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मनरेगा से पंचायतों में शौचालय का निर्माण शुरू हो गया है. पूर्व की राशि से अभी इसका निर्माण हो रहा है.