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एक महीने में तैयार होगा बैजानी पुल का डायवर्सन

भागलपुर: पथ निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर लक्ष्मी नारायण दास ने बुधवार को भागलपुर व बांका के कई जजर्र पुलों की स्थिति का जायजा लिया. खासकर बैजानी पुल की स्थिति को देख कर विभाग के संबंधित अभियंताओं को डायवर्सन के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पुल के बारे विस्तृत रिपोर्ट […]

भागलपुर: पथ निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर लक्ष्मी नारायण दास ने बुधवार को भागलपुर व बांका के कई जजर्र पुलों की स्थिति का जायजा लिया. खासकर बैजानी पुल की स्थिति को देख कर विभाग के संबंधित अभियंताओं को डायवर्सन के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया.

उन्होंने कहा कि पुल के बारे विस्तृत रिपोर्ट लेकर जा रहा हूं. पटना में रिपोर्ट तैयार होते ही पुल निर्माण के बारे में निर्णय लिया जायेगा. एक महीने में डायवर्सन तैयार हो जायेगा. चीफ इंजीनियर श्री दास ने कजरैली के अंधरी नदी पर बने पुल को भी देखा.

उन्होंने शाहकुंड, अमरपुर, शंभुगंज व हंसडीहा मार्ग के पुलों को देखा और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये. श्री दास ने बताया कि जिस स्थानों के पुल वाहन के चलने लायक हैं, उसे दुरुस्त किया जायेगा. जहां की स्थिति पूरी तरह खराब है उस स्थान पर नया पुल बनाया जायेगा. चीफ इंजीनियर लक्ष्मी नारायण दास के बैजानी पुल के निरीक्षण के बाद पुल के पूरब की तरफ बन रहे डायवर्सन के काम में तेजी आयी. बुधवार को ट्रैक्टर से मिट्टी भरायी का काम तेजी से शुरू हो गया.

ओवरलोड वाहनों के गुजरने से पुल पर पड़ा असर
परसबन्नी पुल पर मौजूद पथ प्रमंडल के अधिकारियों ने बताया कि रोड व पुल की स्थिति इसलिए खराब हो रही है क्योंकि पिछले10 दिनों से इस मार्ग से कई ओवरलोडेड गाड़ी गुजर रही है. उन्होंने बताया कि भागलपुर-बांका भाया अमरपुर सड़क पर 30 से 40 टन क्षमता वाले वाहनों को चलने के लिए बनाया गया था. इस मार्ग से इन दिनों करीब 70 से 90 टन क्षमता वाले रोजाना करीब तीन हजार से अधिक वाहन गुजर रहे हैं. जिला प्रशासन को ओवरलोडिंग रोकने के लिए पत्र लिखा गया है. सरकार को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया है. विभाग के एसडीओ सच्चिदानंद मिश्र ने बताया कि पुल और उसके आसपास के इलाके के रोड क्षतिग्रस्त हो रहे हैं रोड में प्रयोग किया गया अलकतरा अत्यधिक दबाव के कारण गरम हुआ है. पुल में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है. गार्डवाल के लिए बांस व बल्ले का उपयोग किया गया है. वाहनों का परिचालन के कम होने के बाद ही गार्डवाल का निर्माण कराया जा सकता है.विभाग का आदेश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

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