भागलपुर: भागलपुर-दुमका पथ पर बैजानी पुल का गार्डर और आधा फीट नीचे खिसक गया है. इसके साथ ही पुल के गिरने का खतरा बढ़ गया है. गार्डर के नीचे खिसकने से पुल के दबने के कारण दूसरे हिस्से पर भी खतरा मंडराने लगा है. पुल में दरार आ गयी है. पुल झुकने लगा है. इसके ऊपरी सतह फटने लगी है. दूसरी तरफ लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है.
मंगलवार को परेशान राहगीरों का पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर को देख कर गुस्सा फूट पड़ा. इंजीनियर को इस कदर डांटा कि उसके बाद से वहां इंजीनियर नहीं दिख रहे हैं. इससे पहले राहगीरों ने इंजीनियर के साथ अभद्र व्यवहार भी किया. इधर दोपहिया व चार पहिया वाहनवालों को 20 किलोमीटर अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है. पुल पर पैदल आवाजाही पर भी रोक लगाने को लेकर बैरियर लगाया गया है. बोल्डर रखा गया है. बालू-मिट्टी से भरा बोरा दिया गया है. यहां चौकीदार को भी नियुक्त किया गया है. जगदीशपुर थाना प्रभारी संजय विश्वास स्वयं दिन में दो-तीन बार पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं. फिर भी कुछ लोग जान जोखिम में डाल कर आना-जाना कर रहे हैं.
नये पुल का होगा निर्माण: पथ निर्माण विभाग बैजानी के क्षतिग्रस्त पुल को तोड़ कर इसके स्थान पर नये पुल का निर्माण करायेगा.
तीन दिनों से केवल चक्कर काट रहे हैं इंजीनियर: बैजानी पुल के क्षतिग्रस्त हुए तीन दिन बीत चुका है. लोग जैसे-तैसे आ-जा रहे हैं. आर्थिक व शारीरिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, लेकिन राहत के नाम पर इंजीनियर अब तक कुछ भी नहीं कर पाये हैं. केवल डायवर्सन बनाने का ही निर्णय ले सके हैं. डायवर्सन का निर्माण कार्य भी अब तक शुरू नहीं हो सका है. इन तीन दिनों में इंजीनियर केवल क्षतिग्रस्त पुल से होकर आवाजाही रोकने के काम में ही लगे हैं, जबकि पुल निर्माण निगम के एक्सपर्ट ने क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण के दौरान ही स्पष्ट कर दिया कि भागलपुर-दुमका मार्ग को फिर से आवागमन बहाल कराने के लिए डायवर्सन का निर्माण ही एक मात्र विकल्प है. इसके बाद भी पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर उदासीन हैं.