भागलपुर :गंगा में तेजी से बढ़ते जल स्तर के कारण गंगा का पानी मटमैला आ रहा है. इसमें मिट्टी की मात्रा अधिक है. यही पानी शहर में सप्लाइ के लिए वाटर वर्क्स में इंटक वेल के सहारे पोखर में आ रहा है. इस पानी को साफ करने के लिए जलकल शाखा ने फिटकिरी की मात्रा अधिक बढ़ा दी है. अधिक फिटकिरी की मात्रा देने से पानी में फिटकिरी के साइड इफैक्ट को कम करने के लिए स्लैग लाइन यानी चूना दिया जाता है. बाढ़ के पानी में छोटे-छोटे जीवाणु की मात्रा भी अधिक रहती है.
Advertisement
सप्लाइ वाटर में टर्बडिटी की मात्रा ज्यादा शुद्धता काे फिटकिरी की मात्रा बढ़ायी
भागलपुर :गंगा में तेजी से बढ़ते जल स्तर के कारण गंगा का पानी मटमैला आ रहा है. इसमें मिट्टी की मात्रा अधिक है. यही पानी शहर में सप्लाइ के लिए वाटर वर्क्स में इंटक वेल के सहारे पोखर में आ रहा है. इस पानी को साफ करने के लिए जलकल शाखा ने फिटकिरी की मात्रा […]
इस जीवाणु को खत्म करने के लिए ब्लीचिंग का प्रयोग किया जा रहा है. निगम के जलकल अधीक्षक हरेराम चौधरी ने बताया कि अभी गंगा में बाढ़ के पानी के कारण पानी मटमैला हो गया है. इसके लिए फिटकिरी की मात्रा अधिक दी जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी मटमैला पानी में मिट्टी के छोटे-छोटे कण भी रहते हैं. इसे भी साफ किया जाता है. उन्होंने बताया कि अभी के समय में एक माह में एक से डेढ़ मीट्रिक टन फिटकिरी की खपत हो रही है.
पानी सेंपल की रिपोर्ट आयी
वही वाटर वर्क्स के पानी का सेंपल पीएचइडी के जांच घर में भेजा गया था. उसकी रिपोर्ट आ गयी है. जलकल अधीक्षक ने बताया कि पानी की जांच रिपोर्ट सही है. उन्होंने बताया कि यह जुलाई माह के सेंपल की रिपोर्ट है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले जो सेंपल भेजी गयी है,उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement