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मरीज की मौत के बाद परिजनों और जूनियर डॉक्टरों में मारपीट

सिटी डीएसपी, एसडीओ व अस्पताल अधीक्षक सहित चार थानों की पुलिस पहुंचीं बांका के देवदा गांव का रहनेवाला था मृतक किशन ठाकुर भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज में गुरुवार की रात मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया व वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की. करंट लगे युवक […]

सिटी डीएसपी, एसडीओ व अस्पताल अधीक्षक सहित चार थानों की पुलिस पहुंचीं

बांका के देवदा गांव का रहनेवाला था मृतक किशन ठाकुर
भागलपुर : जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज में गुरुवार की रात मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया व वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की. करंट लगे युवक बांका के देवदा गांव निवासी ललित ठाकुर के 23 वर्षीय पुत्र किशन ठाकुर की मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया.
इसके बाद अस्पताल रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. मरीज के परिजनों ने प्रभात खबर से बातचीत में यह आरोप लगाया कि अस्पताल में गार्ड व जूनियर डॉक्टरों ने लात-घुंसे व रड से उन लोगों के साथ मारपीट की. वहीं मामले में परिजनों ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है.
स्थानीय पुलिस प्रशासन लगातार जूनियर डॉक्टरों के कब्जे से परिजनों को निकालने का प्रयास करती रही. पुलिस प्रशासन ने जैसे ही मृतक के भाई बादल को घायलावस्था में अपने कब्जे में लिया तो जूनियर डॉक्टरों ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस दौरान जब बरारी थाना प्रभारी दिलशाद ने कानून का हवाला दिया तो भीड़ से किसी जूनियर डॉक्टर ने उन्हें थप्पड़ और घूसे जमा दिये. इसके बाद पुलिस बल ने लाठियां भांजकर भीड़ को काबू में किया. इस दौरान जूनियर डॉक्टरों को जिन पर शक हुआ, उन्हें ही पीट दिया.
घायल बादल व महावती को सदर अस्पताल में कराया भर्ती : पुलिस प्रशासन ने मायागंज अस्पताल में बेहतर इलाज नहीं करने के डर से मृतक की बहन महावती देवी और उनके बेटा बादल को घायलावस्था में सदर अस्पताल में भर्ती कराया.
टेंट में काम करता था किशन, लगा था 11 हजार का झटका : बांका जिला के देवदा गांव निवासी ललित ठाकुर के 23 वर्षीय पुत्र किशन टेंट में काम करता था. पास के गांव में हो रहे यज्ञ में 11 हजार तार से किशन को झटका लग गया था. इससे होंठ व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लगी थी. बांका अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां से देर शाम को मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया. शाम सात बजे अस्पताल में इलाज शुरू किया गया. पिता ललित ठाकुर ने बताया कि बेटे की सांस चल रही थी. जैसे ही स्लाइन खोला गया, कुछ देर में उसने दम तोड़ दिया. डॉक्टर को इलाज में लापरवाही करने की बात कहने पर सभी डॉक्टर व गार्डों ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी. फिर परिजनों में महिला हो या पुरुष सभी को पीटा.
मरीज देखते ही बता दिया गया था, हो जायेगी मौत : जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विश्वज्योति ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार शाम करीब 8.30 बजे 11 हजार करंट लगा मरीज आया था. चिकित्सकों ने मरीज को देखने के बाद परिजनों को यह बता दिया था कि वह बचेगा नहीं. इसके 15-20 मिनट बाद मरीज की मौत हो गयी. इस पर सारे परिजन हल्ला करने लगे और फिर हाथापाई पर उतर आये. सिक्यूरिटी गार्ड और अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया. डॉक्टर साइड हो चुके थे. बाद में शांत कराया गया.
पुलिस प्रशासन पर हमले की सूचना पाकर पहुंचे सिटी डीएसपी व एसडीओ : पुलिस प्रशासन पर जूनियर डॉक्टर द्वारा हमला किये जाने की सूचना पाकर सिटी डीएसपी राजवंश सिंह एवं एसडीओ आशीष नारायण भारती तुरंत मौके पर पहुंचे. अस्पताल अधीक्षक डॉ आरसी मंडल से मामले की जानकारी ली और आगे की कार्रवाई पर चर्चा की.

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