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अमरजीत हत्याकांड के आरोपितों का हो सकता है पॉलीग्राफी टेस्ट
दो दिन पूर्व हाइकोर्ट ने साक्ष्यों के आभाव में मामले के नामजद आरोपित अभिषेक और रिंकू को दी थी जमानत भागलपुर : विगत 15 सितंबर 2018 को कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले अमरजीत हत्याकांड हत्याकांड के अप्राथमिक अभियुक्त शहनवाज उर्फ लकी को रविवार को पुलिस रिमांड पर ले सकती है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले […]
दो दिन पूर्व हाइकोर्ट ने साक्ष्यों के आभाव में मामले के नामजद आरोपित अभिषेक और रिंकू को दी थी जमानत
भागलपुर : विगत 15 सितंबर 2018 को कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाले अमरजीत हत्याकांड हत्याकांड के अप्राथमिक अभियुक्त शहनवाज उर्फ लकी को रविवार को पुलिस रिमांड पर ले सकती है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले में शहनवाज उर्फ लकी से पुलिस घटना के दिन और उससे पहले किये गये कॉल्स और संदिग्ध लोगों से उसके संबंध के बारे में पूछेगी.
अभी तक की जांच में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे लकी को उस समय के हालात के बारे में भी पूछेगी. वहीं अभिषेक के प्रिंटिंग लैब का स्टाफ होने की वजह से मामले में पुलिस अभिषेक के ऑफिस में आने जाने वाले लोगों के बारे में भी पूछताछ कर सकती है.
बता दें कि अभी तक मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये और आत्मसमर्पण करने वाले सभी अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है. पर अभी तक मामले में कुछ भी ठोस तौर पर निकलकर सामने नहीं आया है. वहीं पुलिस की हत्याकांड की जांच को लेकर घटती रूची को देखते हुए परिजनों का भी पुलिस पर से भरोसा उठता दिख रहा है.
जानकारों की मानें तो वरीय अधिकारियों के निर्देश पर मामले में जेल में बंद अभियुक्तों का पॉलीग्राफी टेस्ट भी कराया जा सकता है. अगर मामले में लकी ने पुलिस को हत्याकांड से संबंधित किसी प्रकार की ठोस जानकारी नहीं दी, तो भागलपुर पुलिस मामले में पुलिस मुख्यालय को पॉलीग्राफी टेस्ट कराये जाने की अनुशंसा कर सकती है. जिसपर पुलिस मुख्यालय द्वारा आखिरी मुहर लगाया जायेगा.
साक्ष्यों के आभाव में मिली जमानत.मामले गुरुवार को अभिषेक कुमार उर्फ अभिषेक सोनी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विनोद कुमार सिन्हा की पीठ ने जमानत दी. उधर रिंकू सिंह उर्फ राज कुमार सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय प्रिया ने भी रिंकू सिंह को जमानत दी थी.
बताया जा रहा है कि मामले में दोनों नामजद अभियुक्तों के जमानत याचिका को साक्ष्यों के अभाव में मंजूर किया गया है. बता दें कि घटना को पांच माह बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी ठोस निष्कर्स पर नहीं पहुंच पायी है. जबकि मामले की मॉनिटरिंग खुद डीआइजी-एसएसपी कर रहे हैं. इसके अलावा मामले की जांच के लिये काबिल अफसरों की टीम (एसआइटी) का गठन किया गया है.
परिजनों ने वरीय अधिकारियों को दिया है एप्लिकेशन
मिली जानकारी के अनुसार मामले में अमरजीत के परिजनों ने डीआइजी और एसएसपी से मिलकर उन्हें एक एप्लिकेशन दिया था. जिसमें कई अन्य संदिग्ध लोगों की जानकारी दी गयी थी. पुलिस ने अबतक उक्त आवेदन में दिये गये लोगों से न तो पूछताछ की है और न ही उक्त लोगों का नाम जांच रिपोर्ट में लाया गया है.
इससे पूर्व एसएसपी के जांच रिपोर्ट में अभिषेक सोनी, रिंकू सिंह, राणा मियां, शेरू मियां, शहनवाज उर्फ लकी, नाढ़ा, आमिर और आसिफ के अलावा आठ नामों का जिक्र किया गया था. वहीं एसएसपी ने अपने जांच रिपोर्ट में घटना वक्त घटनास्थल पर मौजूद राणा के तीन अन्य अज्ञात गुर्गों के बारे में पता कर उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था.
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