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भीख नहीं मांगी तो बेटों को दफनाने का प्रयास

शर्मनाक. पिता ही बच्चों से भीख मंगवाने पर आमादा, ग्रामीणों की पहल पर बची जान फुलवरिया : भीख मांगने नहीं जाने पर एक निर्दयी पिता ने अपने दो मासूम बच्चों की पहले तो निर्ममता से पिटाई की, बाद में उन्हें जमीन में जिंदा दफना दिया. माैका-ए-वारदात पर पुलिस के पहुंच जाने पर उनकी जान बच […]

शर्मनाक. पिता ही बच्चों से भीख मंगवाने पर आमादा, ग्रामीणों की पहल पर बची जान

फुलवरिया : भीख मांगने नहीं जाने पर एक निर्दयी पिता ने अपने दो मासूम बच्चों की पहले तो निर्ममता से पिटाई की, बाद में उन्हें जमीन में जिंदा दफना दिया. माैका-ए-वारदात पर पुलिस के पहुंच जाने पर उनकी जान बच गयी़ आसपास के लोगों की सजगता से दोनों बच्चों को जमीन से जिंदा बाहर निकाल लिया गया. मामले में पुलिस क्रूर पिता की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. बच्चों की मां छह माह पूर्व दोनों को उनकी किस्मत के सहारे छोड़ कर कहीं चली गयी थी. पहले मां की आंचल व प्यार छिना और अब बाप ही निर्दयी हो गया. इस घटना ने मानवता को तार-तार कर दिया है. लोग इस घटना को लेकर स्तब्ध हैं.
क्या है पूरा घटनाक्रम : भागवत परसा निवासी भृगुन महतो की पत्नी छह माह पूर्व अपने शराबी पति के अत्याचार से तंग आकर अपने दो मासूम बच्चों को छोड़ कर कहीं चली गयी. इसके बाद से पिता अपनी गंदी आदतों की पूर्ति और तंगहाली दूर करने को लेकर दोनों मासूम बच्चों सनोज (चार वर्ष) और मिशा (तीन वर्ष) से भीख मंगवाने लगा. दोनों बच्चे गली-गली में घूम-घूम कर भीख मांगते और जो भी पैसे मिलते उसे अपने पिता को लाकर देते. रविवार को दोनों बच्चे भीख मांगने नहीं जाकर अन्य बच्चों के साथ खेलने लगे. शाम को जब पिता घर वापस आया तो बच्चों ने उसे भीख मांगने नहीं जाने की बात बतायी. सोमवार की सुबह भीख मांगने नहीं जाने पर गुस्साये पिता ने पहले बच्चों की जमकर पिटाई की, उसके बाद पास ही उन्हें जमीन में जिंदा दफना दिया.
बच्चों के रोने-चीखने की आवाज सुनकर लोग वहां जमा हो गये. घटना की जानकारी तुरंत थानाध्यक्ष प्रेमप्रकाश राय को दी गयी. साथ ही दोनों बच्चों को जमीन से बाहर निकालने लगे. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक आरोपित पिता वहां से फरार हो गया था.प्रताड़ना से तंग आकर बच्चों को छोड़ गयी थी शकुंतला
भृगुन और शकुंतला ने प्रेम विवाह किया था. पहले तो सबकुछ ठीक चला, लेकिन बाद में दोनों के बीच अनबन होने लगी. भृगुन को शराब की लत लग गयी और हमेशा झगड़ा करने लगा. इस बीच शकुंतला दो बच्चों की मां बन गयी. एक तो बच्चों के पालने का बोझ और फिर पति की प्रताड़ना. तंग आकर मां ने अपने कलेजे के टुकड़ों को उनकी किस्मत के सहारे छोड़ दिया और खुद एक अलग दुनिया की तलाश में चली गयी.
श्रम विभाग उठायेगा बच्चों की जिम्मेदारी
घटना की जानकारी होने पर श्रम अधीक्षक मनोज कुमार दुबे ने फुलवरिया थानाध्यक्ष से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने दोनों बच्चों को सुरक्षित रखने का निर्देश देते हुए श्रम विभाग द्वारा बच्चों की जिम्मेदारी लिये जाने की बात कही. इधर, अब भी दोनों मासूमों की आंखों में खौफ झलक रहा है. पिता का नाम सुनते ही दोनों बच्चे फूट-फूट कर रोने लगते हैं. थानाध्यक्ष ने दोनों को भोजन के साथ-साथ नये कपड़े भी दिलाये.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
दोनों मासूम बच्चों को जब जमीन में दफनाया जा रहा था, तब दोनों बच्चे रो-रो कर अपने पिता से अपनी जान की भीख मांग रहे थे. समय पर सूचना मिली और दो जिंदगियों को बचा लिया गया. फिलहाल पिता की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
प्रेमप्रकाश राय, थानाध्यक्ष, फुलवरिया

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